- कंट्रोल रूम में आ रही प्रॉब्लम को लेकर डीएम की पड़ी फटकार

- काल करने के बाद टीम जा रही घर, इलाज के दौरान पूछ रही हालचाल

GORAKHPUR:

होम आईसोलेट मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम पर डीएम की पैनी नजर है। डीएम के विजयेंद्र पांडियन के दिशा निर्देश में बनाए गए डीएम ऑफिस के कंट्रोल रूम में काम 24 घंटे जारी है। डीएम का सख्त आदेश है कि किसी भी दशा में होम आईसोलेट वाले मरीजों के इलाज में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसके लिए बीआरडी मेडिकल, जिला अस्पताल, कांटैक्ट ट्रेसिंग, हॉस्पिटल फीडबैक, आयुर्वेद के डॉक्टर समेत अन्य लोगों की टीम बनाई गई है। जो पल-पल नजर रख रही है।

24 घंटे कर रही है टीम वर्क

सहायक निदेशक बचत अधिकारी बृजेश यादव ने बताया कि कंट्रोल रूम में तैनात टीम तीन शिफ्ट में ड्यूटी कर रही है। जो आठ-आठ घंटे का काम चल रहा है। 24 घंटे कंट्रोल रूम काम कर रहा है। वहीं कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक, सूरजकुंड के धनंजय अपने परिवार का हेल्थ चेकअप चाह रहे थे। जिसमें हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने हेल्थ चेकअप करवाया। वहीं अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें पेशेंट आईडी की जरूरत थी। जिसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने हेल्प की। संजय कुमार जायसवाल कोरोना पॉजिटिव थे। इनका पता गलत चढ़ गया था। जबकि संजय चाहते थे कि हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम साहबगंज गल्ला मंडी मार्केट कर दें। उनके पते को सही कराया गया। इसी प्रकार प्रीति गुप्ता कोरोना पॉजिटिव थी। वह होम आईसोलेशन में थी। अचानक सांस लेने में दिक्कत हुई तो हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने प्रीति को होम आईसोलेशन से कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। इसी प्रकार अविनाश सिंह कोरोना पॉजिटिव थे। जिन्हें घबराहट हो रही थी। उनकी आईडी जनरेट करवाई गई, उन्हें कोआर्डिनेट कर कोविड हॉस्पिटल पहुंचाया गया। सईद मोहसिन को आरटीपीसीआर रिपोर्ट जानना चाहते थे। उन्हें भी आरटीपीसीआर की जानकारी दी गई। चाइल्ड लाइन को मिली अज्ञात बच्ची का कोरोना टेस्ट होना था। उसके टेस्ट के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने बच्ची का रिपोर्ट उपलब्ध कराई।

आक्सीजन दिलाने में की मदद

उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल बताती हैं कि सिटी के सच्चिदानंद के पिता डायलिसिस पर थे। अपने पिता के तबीयत खराब होने पर उन्हें रेलवे के कोविड अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर कराया गया। मेडिकल कालेज के कोविड कोआर्डिनेटर से संपर्क कर उनका इलाज शुरू हो सका। इसी प्रकार सुनील यादव 100 बेड के टीबी अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन आक्सीजन ही नहीं मिल रहा था। फिर सुनीता पटेल ने डॉ। एके चौधरी से वार्ता कर आक्सीजन दिलाया। पहले वो पता चला कि वह ऑक्सीजन पर हैं, लेकिन बाद में सुनील का फोन आया कि उन्हें आक्सीजन नहीं प्राप्त हुआ। फिर से तत्काल एके सिंह चौधरी से बात कर आक्सीजन दिलाने का काम की। काजू नाम का एक लड़का मेडिकल कालेज के आईसीयू में भर्ती था। उसके भाई बहुत परेशान था। लेकिन उसके इलाज में पूरा मदद किया। इसी तरह रवि प्रताप सिंह, रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती थे। उनका शुगर आरै कार्डियों की दवा चलती थी। दिन में तीन बार इंसुलिन दिया जाता था। जो कि कोविड हॉस्पिटल में चाहते थे। उन्हें डिस्चार्ज कराया गया। ताकि घर पर सभी सेवाएं दी जा सके।

डीएम के देखरेख में कुछ इस प्रकार से टीम कर रही है वर्क

सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक- जिला स्तरीय अधिकारी

दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक - जिला स्तरीय अधिकारी

रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक - जिला स्तरीय अधिकारी

फैक्ट फीगर

मेडिकल की टीम में - एक डॉक्टर

कांटैक्ट ट्रेसिंग में - 5 लोगों की टीम

होम आईसोलेशन वालों से वार्तालाप के लिए - 5 लोगों की टीम

हास्पिटल से फीडबैक के लिए - 5 लोगों की टीम

आयुर्वेद डॉक्टर की टीम - 5 लोगों की टीम

ये है कंट्रोल रूम का नंबर

- 0551- 2202205

- 0551 -2201796

- 0551- 2204196

-9454416252

वर्जन

कंट्रोल रूम में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर पूरी नजर रखी जा रही है। इसके लिए कुछ लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। लापरवाही पाए जाने पर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

के विजयेंद्र पांडियन, डीएम