- बीते सात महीने में आधा दर्जन लोगों की करंट लगने से हुई मौत

- जर्जर और झूलते तारों की नहीं हो सकी मरम्मत

- हादसा होने के बाद जागते हैं बिजली अधिकारी

GORAKHPUR: न जिंदगी की परवाह और न नियमों का ध्यान। गोरखपुर की पब्लिक और बिजली विभाग दोनों ही इस कदर लापरवाह बने हुए हैं। कायदे-कानून ताक पर रख लोग जहां हाईटेंशन लाइन के नीचे ही आशियाना बना डाल रहे हैं। वहीं बिजली विभाग के जिम्मेदार हैं कि कहीं हादसा होने पर भी मौत की लाइन याद आती है। शहर में एक दो नहीं, हजारों लोगों ने अपने आशियाने हाईटेंशन लाइन के नीचे बना लिए हैं। वहीं कई जगह अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर दी गई है। इसी का नतीजा है कि पिछले सात महीने में ही आधा दर्जन लोग हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से जान गंवा चुके हैं। वहीं कुछ इलाकों में एलटी और एचटी लाइन के तार मरम्मत के अभाव में जर्जर होकर लटके हुए हैं। बिजली विभाग इसे बदलने का दावा तब करता है जब कोई हादसा हो जाता है।

घर के अंदर पोल, सिर पर लटकी मौत

जेल बाइपास रोड किनारे बसी सरस्वतीपुरम कॉलोनी में कई ऐसे मकान हैं जिनके अंदर बिजली के पोल हैं। सस्ती जमीन के लालच में लोगों ने मकान बनवा तो लिए लेकिन हाईटेंशन लाइन से मौत का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। दो साल पहले हाईटेंशन लाइन टूटकर कई घरों के ऊपर गिर गई थी। हालांकि कोई दुर्घटना नहीं हुई। इसी तरह चिलुआताल इलाके में हाईटेंशन लाइन से घर का टिनशेड छू जाने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। वहीं सिंघडि़या हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से शिक्षक समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।

हादसे के बात बनती रिपोर्ट, होती खानापूर्ति

पिपराइच के अतरौलिया में बुधवार को प्रतिमा पांडेय की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। ऐसे कई मामले हो चुके हैं। मौत के बाद बिजली विभाग का विद्युत सुरक्षा निदेशालय जांच करता है और हाईटेंशन लाइन के नीचे बने मकान हटाने की रिपोर्ट देता है। इस तरह की कई रिपोर्ट बिजली विभाग के पास हैं, पर न तो किसी ने मकान हटाया और न ही बिजली तार हटाए गए। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट औपचारिकता बनकर रह गई है।

केस 1

शहर के कैंट एरिया के सिंघडि़या मोहल्ले में दर्दनाक हादसा हुआ था। जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। ग्रिल लगवाते समय करेंट लगने से शिक्षक दिवाकांत पांडेय व दो मजदूरों शिव व धनेश उर्फ कोईल की मौत हो गई थी और दो अन्य मजदूर बुरी तरह से झुलस गए थे।

केस 2

शाहपुर एरिया के पादरी बाजार स्थित जेलरोड बाईपास के पास दुकान में काम करने वाला एक व्यक्ति छत पर मोबाइल से बात करने के दौरान हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया था। हादसे में मौके पर गी उसकी मौत हो गई। मौत के बाद लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया था। बाद में बिजली विभाग के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ था। विद्युत सुरक्षा निदेशालय के पास रिपोर्ट भेजी गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

वर्जन

हाईटेंशन लाइन के नीचे और उसके पास मकान बनाना खतरनाक और नियम विरुद्ध है। अब तक सैकड़ों लोगों को नोटिस भी दी जा चुकी है। प्रशासन के साथ संयुक्त निरीक्षण में कई मकान चिन्हित किए गए थे। जल्द ही फिर जांच शुरू कराई जाएगी।

- पीएन उपाध्याय, चीफ इंजीनियर ट्रांसमिशन