गोरखपुर (ब्यूरो)।पुलिस ने आरोपित हास्पिटल संचालक रंजीत निषाद को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं, इस मामले में अन्य संदिग्धों की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, हेल्थ डिपार्टमेंट के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है उन्होंने बिना किसी जांच के इसका रजिस्ट्रेशन कर लिया था। एसएसपी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है।

एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने पुलिस लाइन सभागार में मीडिया को बताया, सत्यम हास्पिटल कई वर्षों से अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। हास्पिटल संचालक रंजीत निषाद बिना किसी वैध डिग्री के डाक्टरों का नाम सूची में अंकित कर, डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन पैड पर मरीजों का इलाज कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था। हास्पिटल संचालक रंजीत निषाद की लापरवाही से 3 जनवरी को एक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस मामले में 304,419, 420 भादवि0 व 15(3) इडिंयन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत रंजीत निषाद के ऊपर केस दर्ज उसे अरेस्ट किया गया।

पहले चिराग फिर प्रियांशु के नाम से चल रहा था हास्पिटल

एसएसपी ने बताया कि सत्यम से पहले यह हास्पिटल पूर्व में चिराग हास्पिटल और प्रियांशु हास्पिटल के नाम से भी चल रहा था। हेल्थ डिपार्टमेंट ने सील किया था, वर्तमान समय में यह हास्पिटल डॉ। सुनील कुमार सरोज (एमबीबीएस) की डिग्री के आधार पर रजिस्टर्ड कराकर संचालित किया जा रहा था, जिस डाक्टर के नाम पर हास्पिटल रजिस्टर्ड था। उसकी ओर से यहां पर कोई भी चिकित्सीय सेवा प्रदान नहीं की जा रही है। इसके अतिरिक्त जिन डॉक्टर्स के नाम हास्पिटल के प्रिस्क्रिप्शन पैड पर हैं। वह भी अन्य जिलों में निवास कर प्रैक्टिस कर रहे हैं।

दलालों और हेल्थ डिपार्टमेंट के मिलीभगत से हुआ रजिस्ट्रेशन

एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के लिए हॉस्पिटल मालिक ने दलालों का भी सहयोग लिया। कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में सीएमओ गोरखपुर को भी अपने स्तर से इस हास्पिटल के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जांच कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ विधिक अथवा विभागीय कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा है।

पर्चे पर नाम वाले सभी डॉक्टर्स को नोटिस

गुलरिहा एरिया के भटहट स्थित सत्यम हॉस्पिटल में जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामवदन की 30 वर्षीय गर्भवती पत्नी सोनावत देवी की मौत हो गई थी। गुलरिहा पुलिस ने पति की तहरीर पर अस्पताल के संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपित रंजीत पुत्र सुभाष निवासी जैनपुर टोला सत्यनगर को अरेस्ट कर लिया। वहीं अस्पताल की पर्ची पर नामित डॉक्टर्स डॉ। बृजेश शुक्ला, डा। रेनू मिश्रा, डॉ। निर्भय सिंह, डॉ। सुनील कुमार, डॉ। डीके तिवारी, डॉ। विनोद शर्मा, डॉ। कमलेश यादव , डॉ। शबनम बानो एवं डॉ। पीके बक्शी को गर्भवती महिला की मौत के मामले में धारा 304,419,420 एवं 15(3) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एक्ट के तहत नोटिस भेजकर संबंधित कागजात के साथ उपस्थित होने को कहा है। एसएसपी ने बताया कि विवेचना के क्रम में जिस चिकित्सक के नाम पर यह हास्पिटल रजिस्टर्ड है तथा जिन-जिन डॉक्टर्स के नाम प्रिस्क्रिप्शन पैड पर अंकित है उन सभी को विवेचक ने बयान के लिए नोटिस जारी किया है।

इस तरह की घटना रोकने के लिए यह प्रयास

- सीएमओ गोरखपुर को एसएसपी ने पत्र लिखा कि वह जनपद में पंजीकृत सभी हास्पिटल्स, अस्पतालों, डॉयग्नोस्टिक सेंटर, पैथालॉजी सेंटर इत्यादि की लिस्ट को मीडिया के माध्यम से पब्लिक को सूचित करें, जिससे कि इस सूची के अतिरिक्त अवैध रूप से संचालित होने वाले सभी अस्पतालों की जानकारी लोगों हो सके और कार्रवाई भी की जा सके।

- डीएम से अनुरोध किया जा रहा है कि जनपद में संचालित होने वाले हॉस्पिटल्स के संबंध में एक संयुक्त टीम की तरफ से भौतिक सत्यापन कराया जाए, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि जिसके नाम पर उक्त हॉस्पिटल पंजीकृत है। उनकी तरफ से ही वहां पर इलाज किया जा रहा है।

- आईएमए गोरखपुर को पत्र लिखा कि वह अपने माध्यम से उनके यहां रजिस्टर्ड सभी डाक्टर्स को इस घटनाक्रम के संबंध में सूचित अथवा जागरूक करते हुए यह सुनिश्चित करें कि कोई भी चिकित्सक इस तरह की अवैध गतिविधियों में सम्मिलित न हों।

- निदेशक एम्स गोरखपुर व प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर से अनुरोध किया है कि उनके यहां कार्यरत सभी डॉक्टर्स व पास आउट हो रहे प्रशिक्षु डाक्टर्स को भी इस घटनाक्रम के संबंध मे सूचित करते हुए सुनिश्चित करें कि कोई भी डॉक्टर इस तरह की अवैध गतिविधियों मे सम्मिलित न हो।

- सीएमओ जिले में रजिस्टर्ड हॉस्पिटल, डॉयग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर इत्यादि की लिस्ट के संबंध में अभिसूचना संकलित की जा रही है।