गोरखपुर (ब्यूरो).डीपीओ सरबजीत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत गोरखपुर जिले में लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ को लेकर किसी भी प्रकार की धांधली नहीं होने दी जाएगी। जो भी गड़बड़ी या फिर धनउगाही करते हुए पाया गया, उसके लिए खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगा। यही वजह है कि 15 सितंबर को लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसा भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि 563 बच्चों के खाते में एक करोड़ 28 लाख रुपए भेज दी गई है। इनमें से 37 बच्चे अपात्र हो गए हैैं, इनकी एज 18 वर्ष से ऊपर की हो गई है। ऐेसे में इन बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साल भर में दो बार रकम लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है। कोई भी लाभार्थी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभ के लिए किसी भी बाल संरक्षण विभाग के कर्मचारी या अधिकारी से किसी प्रकार के संपर्क में आने की जरुरत नहीं है। जिला प्रोबेशन कार्यालय से वह ही संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैैं।

ताकि मुख्य धारा में आ सके

डीपीओ ने बताया कि बाल मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चों को चिन्हित कर उनके पेरेंट्स के खाते में प्रतिमाह 4000 रुपए के हिसाब से सहायता राशि भेजी गई है। कोरोना काल में निराश्रित व अनाथ हुए बच्चों की सुध लेते हुए उनको मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया गया है। सीएम बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोना वैश्विक महामारी में अनाथ व निराश्रित हुए बच्चों की देखभाल करते हुए उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी करना है।

क्या है नियम?

- डीपीओ ने बताया कि योजना में 18 वर्ष की आयु तक के ऐसे बच्चों का चयन किया जाता है, जिनके पेरेंट्स दोनों या फिर किसी एक की मृत्यु कोविड महामारी से हुई है।

- बाल गृहों में रखे जाने वाले बच्चों का दाखिला अटल आवासीय विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में किया जाएगा।

- योजना में चिह्नित बालिकाओं के शादी योग्य होने पर विवाह के लिए एक लाख एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

- कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे।

- 18 वर्ष तक के छात्रों को लैपटॉप या टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा।

- जनपद में लैपटॉप दिए जाने के लिए 50 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है।