गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके अतिरिक्त 25 इलेक्ट्रिक बसों के लिए अभी तक स्टॉपेज तक नहीं बने हैं। जबकि बस संचालन समिति ने कागजों में इलेक्ट्रिक बसों के स्टॉपेज के स्थान निर्धारित कर दिए हैं। साथ ही समिति की ओर से सिटी में चार चार्जिंंग स्टेशन बनाए जाने थे, ताकि महेसरा डिपो स्थित चार्जिंग स्टेशन का चक्कर नहीं लगाना पड़े। बैट्री डिस्चार्ज होने पर बसें सीधे महेसरा चली जाती हैं और पैसेंजर्स को अक्सर बस का इंतजार करना पड़ता है।

शेल्टर की नहीं है व्यवस्था

इलेक्ट्रिक बसों के स्टॉपेज के स्थान तो निर्धारित है, लेकिन बसें निर्धारित स्थानों पर कम ही रुकती हैं। पैसेंजर्स को सड़क किनारे खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है और अगर बस निर्धारित स्थान पर न रुककर आगे या पीछे रुकती है तो पैसेंजर्स को बस पकडऩे के लिए दौड़ लगानी पड़ती हैं। वहीं, शेल्टर की व्यवस्था नहीं होने से पैसेंजर्स को धूप और बारिश में सिर छिपाने के लिए जगह नहीं मिलती है।

कागजों में सहजनवां, भटहट और चौरीचोरा में चार्जिंग प्वाइंट

सहजनवां, भटहट और चौरीचौरा में बनने वाला चार्जिंग प्वाइंट कागजों से बाहर नहीं निकल पा रहा है। समिति ने दावा किया था कि चार्जिंग प्वाइंट बन जाने से बसों की चार्जिंग जहां आसान होगी। वहीं, दूसरी तरह बसों के फेर भी बढ़ जाएंगे। चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए परिवहन विभाग ने पिछले साल ही जमीन की तलाश के लिए कवायद शुरू की गई थी। लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिल पाई है।

सिटी के स्टापेज

मोहरीपुर से एयरपोर्ट-महेसरा-बरगदवा तिराहा, इंडस्ट्रियल इस्टेट, गोरखनाथ हॉस्पिटल-गोरखनाथ मंदिर-गोरखनाथ, फ्लाइओवर-तरंग क्रासिंग-धर्मशाला बजार-यातायात तिराहा-रेलवे स्टेशन-रोडवेज बस स्टेशन-यूनिवर्सिटी चौराहा-मोहद्दीपुर चौराहा, कूड़ाघाट-एम्स-नंदानगर-एयरपोर्ट आदि।

रूट स्टापेज

महेसरा से सोनबरसा 38

छात्रसंघ चौराहा से कौडिऱाम 48

महेसरा से सहजनवां 51

काली मंदिर से भटहट 45

महेसरा से मोतीराम अड्डा 41

काली मंदिर से पिपराइच 30

छात्रसंघ चौराहा से खजनी 41

महेसरा से मिर्जापुर 38

नहीं शुरू हो सका चार्जिंग स्टेशन

नगर निगम के स्टोर में बने चार्जिंग स्टेशन के लिए दो साल पहले बिजली सप्लाई के लिए लाइन तैयार की गई, लेकिन न तो चार्जिंग प्वाइंट के लिए उपकरण लग सके और न ही पॉवर दी गई। यूनिवर्सिटी वीसी के आवास के सामने स्थित स्टोर में नगर निगम पांच इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए तैयारी की थी। लेकिन तमाम प्रयास के बाद भी चार्जिंग प्वाइंट को नहीं शुरू किया जा सका। महेसरा इलेक्ट्रिक डिपो में सभी ई-बसों की चार्जिंग की जाती है। अचानक बस की बैट्री डिस्चार्ज होने के बाद ड्राइवर्स को चार्जिंग के लिए महेसरा डिपो के लिए रुख करना पड़ता है। बस के फुल चार्ज होने पर वह 120 किलोमीटर की दूरी तय करती है।

गोरखपुराइट््स के लिए शुरू की गई इलेक्ट्रिक बस सेवा बहुत ही अच्छी है, लेकिन बसें निर्धारित स्थान पर नहीं रुकने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

आनंद पाठक, पैसेंजर

बस के लिए सड़क पर खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। बस निर्धारित स्थान पर रुकती भी नहीं है। स्टॉपेज पर पैसेंजर्स लिए शेल्टर की व्यवस्था होनी चाहिए।

अमरावती, पैसेंजर

स्टॉपेज का पता नहीं है कि बस किस स्थान पर रुकेगी। जिस स्थान पर खड़े होकर बस का इंतजार किया जाता है। वहां से कुछ दूरी पर बस रुकती है तो दौड़ कर पकडऩा पड़ता है, इससे प्रॉब्लम होती है।

राकेश, पैसेंजर

रूटों पर पैसेंजर्स के लिए स्टॉपेज जरूर होना चाहिए। साथ ही बैठने की व्यवस्था, ताकि पैसेंजर्स को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

गोविंद कुमार, पैसेंजर

इलेक्ट्रिक बस के स्टॉपेज स्थल के लिए नगर निगम को पत्र भेजा गया है। साथ ही ठहराव स्थल की सूची सौंपी गई है। इसके अनुसार चिह्नित स्थानों पर नगर निगम ने शेल्टर लगाने का काम शुरू किया है। जहां तक चार्जिंग स्टेशन की बात है तो तीन स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की पहल की जा रही है।

केके मिश्रा, इलेक्ट्रिक बस डिपो मैनेजर