गोरखपुर (ब्यूरो).सिटी में अनफिट बसें कार्रवाई न होने से दौड़ रही हैं। कभी कभार कार्रवाई के नाम अभियान चलाया जाता है, लेकिन वह भी कुछ दिनों में समाप्त हो जाता है। खुलेआम नियमों की अनदेखी होती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता।

ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर खूब वसूल रहे फीस

स्कूल संचालक बच्चों के अभिभावकों से ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर पूरी फीस वसूल रहे हैं। बावजूद इसके मासूमों की सुरक्षा की कोई गारंटी नही हैं। हैरानी तो यह है कि परिवहन विभाग की ओर से नोटिस देने के बाद भी स्कूल संचालक कोई सुध नहीं ले रहे हैं। अगर किसी अभिभावक ने शिकायत कर दी तो बच्चे को स्कूल से निकालने की धमकी भी दी जाती है।

देवरिया में हादसे के बाद हुए थे अलर्ट

अगस्त में देवरिया के खुखंदू में स्कूली बस की टक्कर में बच्चों के घायल होने की घटना के बाद परिवहन विभाग जागा था। उस समय अभियान चलाकर कुछ बसों को सीज किया गया था और स्कूल संचालकों को नोटिस दिया गया। इसके कुछ दिन बाद ही मामला ठंडा पड़ गया।

प्रतिष्ठित स्कूलों की बसें अनफिट

परिवहन विभाग के अनुसार सिटी के कई प्रतिष्ठित स्कूलों की बसें अनफिट हैं। स्कूल संचालकों को नोटिस दिया गया है। इसके बाद भी बसें दौड़ रही हैं। अभियान के दौरान अगर बसें पकड़ी गईं तो उन्हें सीज किया जाएगा। इसमें कई स्कूल तो ऐसे हैं, जिसमें क्षमता से अधिक बच्चे भी लाए और घरों को छोड़े जाते हैं।

अनफिट हैं ये वाहन

गाड़ी नंबर स्कूल

यूपी 53 डीटी 0024 कैलाशी देवी इंटर कॉलेज

यूपी 13 टी 0025 ओपी पब्लिक स्कूल

यूपी 53 एफटी 0028 जेएन एकेडमी

यूपी 53 एफटी 0052 एचके मेमोरियल एकेडमी

यूपी 53 ईटी 0069 वुडलैंड एकेडमी

यूपी 53 डीटी 0093 जीडी पब्लिक स्कूल

यूपी 53 एफटी 0474 बीएन नेशनल एकेडमी

यूपी 57एटी 0963 केडीएस पब्लिक स्कूल

यूपी 53 एफटी 0972 आरके पब्लिक स्कूल

यूपी 53 बीटी 1023 हॉलमार्क वल्र्ड स्कूल

यूपी 53 डीटी 1272 गुरुकुल महाविद्यालय

यूपी 53 डीटी 1274 एसपीडी चिल्ड्रेन एकेडमी

यूपी 65 एपी 2134 सन फ्लावर चिल्ड्रेन एकेडमी

(नोट: आरटीओ की अगस्त की सूची के अनुसार 558 स्कूली वाहन अनफिट हैं। पूरी सूची दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पास है.)

अनफिट वाहनों की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा। जो भी वाहन जांच में अनफिट पाए जाएंगे, उन्हें सीज किया जाएगा। साथ ही स्कूल संचालकों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। मासूमों की जिंदगी के साथ किसी को खिलवाड़ करने का हक नहीं है।

संजय कुमार झा, एआरटीओ प्रशासन