गोरखपुर (ब्यूरो)।गोद लेकर जिम्मेदार टीबी के मरीजों को भूल चुके हैैं। टीबी डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो जिन लोगों ने गोद लिया है। वे कभी झांकने तक नहीं आते।

गोद लेकर भूले जिम्मेदारी

टीबी पेशेेंट को क्षय रोग विभाग दवाएं देता है। कम से कम छह माह तक कांटिन्यू दवा चलाने का शेड्यूल है, लेकिन जिन माननीय और प्रशासनिक अधिकारियों ने गोद लिया है। वह सिर्फ फाइलों में ही बंद हैैं। इलाज भी सीएचसी-पीएचसी के भरोसे है., जबकि इन जिम्मेदारों को टीबी पेशेंट के इलाज के साथ-साथ उनके घर पहुंचकर उन्हें खाने-पीने व हालचाल भी लेना है। गोद लेने के बाद वे जिम्मेदारी भूल गए।

1856 पेशेंट्स को लिया गया गोद

जिला क्षय रोग विभाग के मुताबिक गोरखपुर में टीबी पेशेंट्स को डॉक्टर्स, जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवी संस्थाएं अडॉप्ट कर रही हैं। अभी तक गोरखपुर में 1856 टीबी पेशेंट्स को अडॉप्ट किया जा चुका है। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक मरीजों को पेशेंट्स करने वाली संस्थाएं हर महीने उन्हें पोषण किट उपलब्ध करा रही हैं।

सदर सांसद ब्रांड एंबेस्डर, 5 टीबी पेशेंट को किया अडॉप्ट

सदर सांसद ने पांच टीबी पेशेंट्स को गोद लिया है। वह इसके लिए ब्रांड एंबेसडर बनाए गए हैैं।

इन्होंने टीबी मरीजों को किया अडॉप्ट

टीबी पेशेंट्स को गोद लेने में एन मिश्रा, अखिलेश शाही, अमित मिश्रा, अनीता सिंह, अंजली देव, धर्मवीर सिंह, डॉ। एसपी पांडेय, डॉ। ए मिश्रा, डॉ। एपी गुप्ता, अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ। अमृता चौबे, अमृता दुबे, डॉ। अश्वनी कुमार, डॉ। बीके बर्नवाल, डॉ। बीके वर्मा, डॉ। बीके राय, डॉ। भगवान प्रसाद, बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार, डॉ। हरिओम पांडेय, डॉ। हरीश सिंह, डॉ। ईश्वर लाल, डॉ। जेपी तिवारी, डॉ। केशव सिंह, डॉ। मंजेश श्रीवास्तव, डीटीओ, गैलेंट इस्पात लिमिटेड समेत 92 से अधिक लोगों ने टीबी मरीजों को अडॉप्ट किया है। इसके अतिरिक्त डीएम, सीडीओ, एडीएम सिटी, विधायक खजनी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, एसपी साउथ, सीएमओ, उप मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी बेलधाट, पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी बांसगांव, बीडीओ खोराबार, ब्लॉक प्रमुख खोराबार आदि ने भी गोद लिया है।