गोरखपुर (ब्यूरो)। अब तो इसको लेकर सभी स्कूलों में चर्चा भी शुरू हो गई। गोरखपुर के स्कूल डायरेक्टर और प्रिंसिपल की माने तो फॉरेन कंट्री में इसी व्यवस्था पर एग्जाम होते हैं। लेकिन वहां की पढ़ाई और रहन-सहन के माहौल इंडिया से बिल्कुल अलग हैं। इसलिए इस नई व्यवस्था को इंडिया में अर्जेस्ट करने में थोड़ा मुश्किल जरूर आएगी।

मुलायम सिंह और लालू भी थे पक्षधर

स्कूल एक्सपर्ट की माने तो लालू यादव और स्व। मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी सरकार में यह व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया था। लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। उस समय घोषणा करने के बाद यहां के बच्चों पर इसका खास असर नहीं दिखता नजर आने पर ओबीई को लागू नहीं किया जा सका था।

क्या है ओपन बुक एग्जाम

ओपन बुक एग्जाम का मतलब स्टूडेंट्स को अपने नोट्स और अन्य पढऩे की अध्ययन सामग्री के साथ परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा। एग्जाम दे रहे स्टूडेंट्स बुक और नोट्स से आंसर खोज कर लिख सकते हैं। बच्चों का प्रेशर कम करने के लिए ओबीई की व्यवस्था यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया समेत कई और कंट्री में अपनाई गई है।

क्या कहते हैं स्कूल के एक्सपर्ट

पहले कुछ स्कूलों में डेमो एग्जाम लिए जाएंगे। इसके बाद अगर अच्छे परिणाम मिलते हैं। तब इसे लागू किया जाएगा। अभी एक्सपीरिमेंट के तौर पर शुरू किया जा रहा है।

अजय शाही, डायरेक्टर, आरपीएम एकेडमी

मुलायम सिंह यादव के समय इसे लागू करने की बात चली थी। लेकिन यहां अच्छे परिणाम मिलते नहीं नजर आ रहे थे। इसलिए लागू नहीं किया जा सका।

विशाल त्रिपाठी, प्रिंसिपल, आर्मी पब्लिक स्कूल

नई सोच बदलाव से डवलप होती है। बोर्ड ने सोचा है तो जरूर कुछ नया और बच्चों के हित में होगा। पहले स्टेप में कुछ ही स्कूल में ओईपी आयोजित किया जाएगा।

रीमा श्रीवास्तव, स्प्रिंगर लोरेटो गल्र्स स्कूल

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार काफी बदलाव होने हैं। ओपन बुक एग्जाम भी उसी का एक हिस्सा है। शुरूआत में कुछ ही स्कूलों में यह टेस्ट कराया जाएगा।

राजीव गुप्ता, डायरेक्टर, स्टेपिंग इंटर कॉलेज

एक बार पहले भी सीबीएसई ने ऐसी व्यवस्था लागू की थी। बहुत अच्छा रिजल्ट नहीं आया था। इस बार जरूर कुछ बदलाव किए गए होंगे। जो भी निर्णय होगा उसे फॉलो किया जाएगा।

सलील के श्रीवास्तव, डायरेक्टर, जेपी एजुकेशन एकेडमी

फॉरेन कंट्री में काफी समय ओपन बुक एग्जाम चल रहे हैं। इसको लेकर सीबीएसई ने भी कुछ अच्छा ही सोचा होगा। बोर्ड द्वारा जो भी रूल बनाए जाएंगे उसे फॉलो किया जाएगा।

रोहन सिंह, डायरेक्टर, सरमांउट इंटरनेशनल स्कूल