गोरखपुर (ब्यूरो)।गांवों में पंचायत भवन का निर्माण नहीं नहीं हो सका। कहीं निर्माण कार्य ठप हैं, तो कई जगह निर्माण शुरू ही नहीं हो सका। शासन की मंशा था कि पंचायत भवन के निर्माण से कार्य आसानी के साथ पारदर्शी होंगे। पंचायत भवन निर्माण न होने से ग्रामीण सुविधाओं के लिए अभी भी ब्लॉक और तहसील मुख्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इसको लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के संवाददाता बृज भूषण दुबे ने पड़ताल की तो पता चला कि अभी भी कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां निर्माण कार्य ठप है। मजे की बात यह है कि पंचायती राज विभाग की ओर दावा किया जा रहा था कि जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन या सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उन जगहों पर अन्य कार्यों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। ऐसा इसीलिए किया गया ताकि गंभीरता से लेते हुए सबसे पहले संबंधित सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान कार्य को पूर्ण करा देंगे। यह सब निर्देशों के बाद भी अभी तक कई जगहों पर कार्य पूर्ण नहीं हो सका।

पंचायत भवन से ही सभी भुगतान नियम

निर्देश है कि पंचायत भवनों में लगे कम्प्यूटर से ग्राम सभा में होने वाला कोई भी भुगतान होना है। इसके साथ कर्मचारियों का पेमेंट भी यही से हेाना है लेकिन पंचायत भवन बनने में ही लाले है, जिसकी वजह से सरकार की योजना फ्लाप होती नजर आ रही है।

पंचायत भवन के माध्यम से इन सुविधाओं का मिलना है लाभ

जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, हैसियत प्रमाण पत्र, राशन कार्ड से जुड़े कार्य, बिजली संबंधित कार्य, व्यक्तिगत शौचालय आवेदन, जाति, निवास, आय आदि प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन की सुविधा।

भुगतान पर रोक के दावों की खुली पोल

जिन ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य ठप है या नहीं हुआ है। वहां, पंचायती राज विभाग की ओर से भुगतान पर रोक लगाए गए दावे की हकीकत पता की गई तो कुछ और ही पता चला। अन्य कार्यों के लिए पेमेंट हो रहा है। ऐसे में पंचायती राज विभाग के दावों की पोल खुल गई।

इसकी जानकारी नहीं थी। पता कर रहा हूं आखिर क्यों निर्माण कार्य ठप है या बना ही नही। जानकारी मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जहां भी अपूर्ण होगा उन ग्राम पंचायतों में अस्थायी कार्यालय बनाया गया होगा।

दिवाकर सिंह, खंड विकास अधिकारी बेलघाट

पड़ताल 1

उरुवा ब्लॉक के रौजा दरगाह में पंचायत भवन का कार्य अधूरे हाल में पूर्व प्रधान और तत्कालीन सचिव द्वारा छोड़ दिया गया। तत्कालीन डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर ने आकर निरीक्षण किया था और नाराजगी भी जताई थी। फिर भी संबंधित लोगों ने पूर्ण नहीं कराया। वहीं, प्रधान परमजीत ने कहा कि पूर्व प्रधान के शासनकाल में निकासी हो चुकी है। लेकिन कार्य उनके द्वारा पूर्ण नहीं किया गया। मेरी कोई गलती नही है। जो पैसा निकाला उसकी जिम्मेदारी बनती है। इसकी जानकारी मैंने उच्च अधिकारियों को भी दे चुका हूँ।

पड़ताल 2

बेलघाट ब्लॉक के ग्राम पंचायत जिगिनी बुजुर्ग में पंचायत भवन का निर्माण कार्य अधूरे हाल में जिम्मेदारों द्वारा छोड़ दिया गया है। जिम्मेदार इसको बनवा नही रहे। हालांकि, इसकी भी जानकारी उच्च अधिकारियों को भी है।

पड़ताल 3

बेलघाट ब्लॉक के बेलाव खुर्द में भी अधूरे हाल में पंचायत भवन मिला। अंदर चौकी, कुर्सी और सीढ़ी दिखाई दी। हालत, देख साफ जिम्मेदारों की लापरवाही दिखी। लापरवाही की वजह से ग्रामीणों को लाभ नही मिल पा रहा।

बना ही नहीं है पंचायत भवन

पड़ताल 4

बेलघाट ब्लॉक के बनकटी में पंचायत भवन का निर्माण हुआ ही नही है। ग्राम प्रधान बैजनाथ ने बताया कि जमीन न मिलने की वजह से नही बन पाया है। कोशिश जारी है कि जमीन उपलब्ध हो जाए। यहां भी उच्च अधिकारियों ने दिलचस्पी नही दिखाई जिस कारण निर्माण नही हो सका।

जिन ग्राम पंचायतों में जमीन के अभाव में निर्माण नहीं हो पा रहा। राजस्व विभाग से बात की जाएगी फिर भी जमीन नही मिली तो जमीन खरीदकर पंचायत भवन बनवाया जाएगा। वहीं, जहां अधूरे हाल में निर्माण कार्य है वहां पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। तथा उन गांवों में अस्थायी कार्यालय बनाया गया होगा।

- शाश्वत आनंद सिंह, डीपीआरओ गोरखपुर