गोरखपुर (ब्यूरो)। उन्हे बस उम्मीद है कि शायद एग्जाम की डेट बढ़े तो उन्हे तैयारियों का थोड़ा टाईम मिल जाएगा।

सेलबस ही नही हुए कम्पलीट

स्टूडेंट्स का कहना है कि अभी उनके क्लासेज स्टार्ट हुए ही बस दो तीन महीनें हुए। ऐसे में एग्जाम कराना उनके लिए एक चिंता का विषय बन गया है। वैसे भी छुट्टियों के बीच उनके क्लासेज पूरे तरह से बंद ही रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई ही नही पूरी हो पाई.डीडीयू प्रशासन ने अपने एनुअल एग्जाम की डेट घोषित कर दी, जबकि स्टूडेंट्स का सेलबस अधूरा पड़ा हुआ है।

प्रोजेक्ट, असाइनमेंट ने बढ़ाई मुश्किलें

अभी एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स के पास इतना कम टाईम इसी बीच में प्रक्टिकल एग्जाम और प्रोजेक्ट असाइनमेंट उनके मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। इसी बीच में स्टूडेंट्स प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और एग्जाम के बीच फंसे हुए हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी मे एग्जाम में जल्दबाजी का पूराना रिवाज है, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स को हर बार स्ट्रगल करना पड़ता है। स्टूडेंट्स के सर पर हर बार की तरह इस बार भी प्रक्टिकल और एनुअल एग्जाम का बोझ लाद दिया गया है।

त्यौहारों के बीच इतने दिन हमारे क्लासेज ही नही चल पाए और अब लगता है कि अगर डेट नही बढ़ी तो हमारे लिए दिक्क्त हो जाएगा।

अरविंद

अभी बस दो से तीन महीने हुए होंगे ऐसे में इतने जल्दी एग्जाम कराना सही नही है, अभी हमारे ऊपर प्राजेक्ट, असाइनमेंट का भी प्रेशर है।

अभिषेक

डीडीयू प्रशासन को हम स्टूडेंट्स के बारे में सोचना चाहिए, आधे सेलबस में हम एग्जाम कैसे देंगे।

श्वेता

एग्जाम के डेट बढने चाहिए वरना हम अधूरी जानकारी से एग्जाम कैसे देंगेे। प्रोजेक्ट असाइनमेंट का भी लोड है।

करूणेश

लोकसभा चुनाव करीब है। स्टूडेंट्स के एग्जाम समय से कराए जाने है। इसलिए स्टूडेंट्स अपनी तरफ से तैयारियां जारी रखें।

प्रो। शांतनु रस्तोगी, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू