गोरखपुर (ब्यूरो)। इसी दौरान उन्होंने एक दिन सोशल मीडिया विज्ञापन देखा। विज्ञापन में शानदार फ्लैट देखकर उसमें दिए नंबर पर उन्होंने कॉल किया और फ्लैट खरीदने का फैसला किया। प्रॉपर्टी डीलर के कहने पर कुछ दिनों बाद सुनीता ने पेमेंट भी कर दिया, लेकिन जब फ्लैट उनके नाम पर रजिस्ट्री कराने की बात आई तो प्रॉपर्टी डीलर ने टाल मटोल करना शुरु कर दिया। फिर क्या था सुनीता परेशान हो गई। इस मामले की शिकायत उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में किया। मामला विचाराधीन है। यह मामला बताने के लिए काफी है, लेकिन ऐसे दर्जनों मामले जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में तेजी के साथ आ रहे हैं, जहां पर लोगों को काफी उम्मीदें है।

फ्लैट के साथ स्वीमिंग पूल के झूठे दावे

इन दिनों प्रॉपर्टी डीलर सिटी के आउटर एरिया में टू, थ्री और फोर बीएचके का फ्लैट बनाकर बेचने का काम कर रहे हैं। इस दौरान वे कस्टमर को झूठे दावे देकर अपने झांसे में फंसा ले रहे हैं। कोई फ्लैट के साथ स्वीमिंग पूल देने की बात कहता है तो कई टेरेस गार्डेन की।

कंज्यूमर फोरम के एडवोकेट बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव ने बताया कि जितने लोगों की शिकायत उनके पास आए हैं। उनमें प्रॉपर्टी डीलर टू, थ्री बीएचके फ्लैट के साथ, स्वीमिंग पूल, स्पोट्र्स स्पॉट जैसी सुविधाएं देने के दावे किए, लेकिन कंज्यूमर्स बिना जांच के ही प्रॉपर्टी डीलर के हिसाब से पेमेंट करते चले गए और उनके झांसे में आ गए। अब स्थिति यह है कि ज्यादातर कंज्यूमर्स कंज्यूमर फोरम में न्याय की उम्मीदें लगाए दौड़ रहे हैं।

आप भी कर सकते हैं दावा दाखिल

अगर आपके साथ ऐसा कोई भी स्कैम हुआ है, तो आप कभी भी प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि अब अगर प्रॉपर्टी डीलर जमीन देने के नाम पर पैसा लेकर जमीन या फ्लैट रजिस्ट्री नहीं करता है तो उनको ब्याज सहित पैसे वापस करने होंगे।

केस 1

गोलघर में रहने वाले प्रदीप ने विज्ञापन देखकर अपने बच्चों के लिए फ्लैट खरीदने का फैसला लिया और उन्होंने उस फ्लैट को पाने के लिए अपनी सेविंग खर्च कर डाली, लेकिन जब फ्लैट रजिस्ट्री की बात आई तो डीलर तरह-तरह के बहाने देकर टालने लगा। इसके बाद प्रदीप ने कंज्यूमर फोरम में शिकायत की।

केस 2

गोरखपुर के रहने वाले सुमित को अपने जॉब के लिए लखनऊ शिफ्ट होना था, इसके लिए उन्हें अपने लिए फ्लैट लेना था। उन्होंने अपने किसी फ्रेंड के जरिए विज्ञापन में फ्लैट देखा और कॉन्ट्रैक्ट करके फ्लैट खरीदने के लिए पेमेंट कर दिया। बाद में पता चला कि वहां कोई जमीन या फ्लैट ही नहीं है।

रहें अलर्ट

-जमीन या फ्लैट लेने से पहले जीडीए ऑफिस जाकर एक बार रजिस्ट्रेशन जरूर चेक कर लें।

-जीडीए ने उसे परमिशन दिया है या नहीं इसकी भी जांच कर लें।

-जमीन की रजिस्ट्री होने पर ही पूरे पैसे दें।

-विज्ञापन के विश्वसनीयता की जांच जरूर करें

फ्लैट या जमीन का अधिकृत संस्था से ही परचेजिंग करना चाहिए। किसी भी धोखेबाज के चक्कर में नहीं आना चाहिए। क्योंकि आज की डेट में जमीन और फ्लैट से संबंधित मामले ज्यादा आ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता अवेयर रहें और किसी भी धोखाधड़ी होने पर शिकायत करें।

सुरेंद्र कुमार सिंह, अध्यक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग