गोरखपुर (ब्यूरो).मामला चौरीचौरा वितरण खंड के मोतीराम अड्डा एरिया का है। एक बाइक शोरूम मालिक रामदुलारे तीन साल पहले नवंबर 2019 में अपने प्रतिष्ठान के लिए कामर्शियल कनेक्शन की फाइल लेकर बिजली घर पर पहुंचे तो वहां मौजूद जेई ने अपना एरिया बता प्रक्रिया शुरू करा दी। जेई के कहने पर रामदुलारे ने दो दिन बाद घर आए संदीप नाम के लाइनमैन को फाइल और पैसा दे दिया। 16 नवंबर 2019 को शोरूम के कनेक्शन जोड़ दिया गया। रामदुलारे को यह कनेक्शन जेई परमेश्वर लाल ने ई-संयोजन एप से दे दिया जो केवल सौभाग्य योजना के तहत फ्री घरेलू कनेक्शन देने के लिए लांच हुआ था। इसके बाद जेई ने रसीद देकर कनेक्शन जोड़वा दिया, लेकिन मीटर नहीं लगा जबकि ऑनलाइन डेटा में कनेक्शन आईडी पर मीटर नंबर फीड था। कुछ दिन बाद विजिलेंस ने छापा मारा और मीटर न होने पर बिजली चोरी का केस दर्ज करा दिया। इससे परेशान कारोबारी ने जेई से पूछताछ की तो पता चला कि सिस्टम में तो मीटर की फीडिंग पहले ही हो चुकी थी लेकिन मौके पर इसे लगाया नहीं गया। परेशान रामदुलारे ने कई अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन जब कहीं से सुनवाई नहीं हुई तो वह भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट की शरण में गए, जहां उनका केस साक्ष्यों के अभाव में खारिज हो गया। रामदुलारे तत्कालीन एक्सईएन को लगातार अपना प्रत्यावेदन देते रहे। इस बीच जून 2020 में रामदुलारे के शोरूम में फिर विजिलेंस जांच हुई और दूसरा मुकदमा भी दर्ज हो गया। इसके बाद एक्सईएन ने जून 21 में रामदुलारे के खिलाफ 345 लाख रुपए और दो लाख रुपए की आरसी जारी कर दी। इसके बाद रामदुलारे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उधर जुलाई 2021 में नए एक्सईएन आ गए। उन्हें भी रामदुलारे ने काई प्रत्यावेदन दिए। उधर हाईकोर्ट ने आरसी स्टे करते हुए आठ हफ्ते में मामले के निस्तारण के निर्देश दिए, लेकिन यह अवधि बिना किसी कार्यवाही के बीत गई।
रामदुलारे के मामले में एक्सईएन का पत्र मिला है। चीफ इंजीनियर को मामले से अवगत कराकर जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। इसमें जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ई। विनोद कुमार, एसई ग्रामीण वितरण मंडल