गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं अब यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत टीचर्स भी फुल टाइम पीएचडी कर सकेंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव को परिषद ने पास कर दिया। वीसी प्रो। पूनम टंडन की अध्यक्षता में संवाद भवन में हुई मीटिंग में यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से 3 प्लस 1 ग्रेजुएशन कोर्स के मुताबिक पढ़ाई होगी। इसे सभी संकायों से मंजूरी मिल चुकी है। जिन कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्सेज को अभी मंजूरी नहीं मिली है उन्हें फोर ईयर ग्रेजुएशन कोर्स में आनर्स डिग्री शुरू करने के लिए यूनिवर्सिटी से परमिशन लेनी होगी। ऐसे कॉलेज स्टूडेंट्स को तीन साल की ग्रेजुएशन डिग्री ही दे सकेंगे। ऐसे स्टूडेंट दो साल की पीजी डिग्री के एलिजिबल होंगे। इसके साथ ही वे स्टूडेंट जिन्होंने तीन साल में 7 सीजीपीए से ऊपर ग्रेड प्राप्त किए होंगे उन्हें चार साल के ग्रेजुएशन आनर्स कोर्स के साथ रिसर्च डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना होगा। वहीं, इस सत्र से डीडीयू में इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी का संचालन भी किया जाएगा। विद्या परिषद ने बैचलर इन फार्मेसी और डिप्लोमा इन फार्मेसी के कोर्स का अप्रूवल दे दिया है।
पांच कॉलेजों में संचालित होंगे बीबीए स्लेबस
विद्या परिषद ने पांच कॉलेजों में शुरू होने वाले स्किल आधारित कोर्स पर अपनी मुहर लगा दी है। इन कॉलेजों में बीबीए (रिटेल, लाजिस्टिक एवं हेल्थ केयर) के कोर्स संचालित होंगे। यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत टीचर्स को फुल टाइम पीएचडी की सुविधा देने पर विद्या परिषद की मीटिंग में कुलपति ने कहा कि यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में कार्यरत टीचर्स को फुल टाइम पीएचडी करने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए पीएचडी अध्यादेश में संशोधन कर इन टीचर्स को पीएचडी में सुपरन्यूमेरिक आधार पर सीधे प्रवेश दिया जाएगा व प्री-पीएचडी कार्यक्रम करने की सुविधा भी दी जाएगी।