गोरखपुर (ब्यूरो)।मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मामले की जानकारी तब हुई जब सोशल मीडिया पर जूनियर डॉक्टरों की करतूत वायरल हुई। आनन-फानन में दो जूनियर डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया और जांच टीम गठित की गई। मामले में पुलिस की भी लापरवाही देखने को मिली। पिटाई के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।


इलाज के बारे में पूछने पर गुस्साए डॉक्टर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी वार्ड में भर्ती पेशेंट को देखने आए दिव्यांग अटेंडेंट को जूनियर डॉक्टर्स ने पीटा। आरोप है कि दवा व इलाज के बारे में पूछने पर जूनियर डॉक्टर पुलिस की मौजूदगी में दिव्यांग की पिटाई करते रहे, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही। बाद में किसी तरह से बचकर दिव्यांग थाने पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने मेडिकल के लिए भेजा। पुलिस के सामने मारपीट होने और घटना का वीडियो वायरल होने के बावजूद गुलरिहा पुलिस ने देर शाम तक केस नहीं दर्ज किया।
पेशेंट को देखने पत्नी संग आए थे दिव्यांग अजय
देवरिया जिले के मदनपुर निवासी शैला देवी (65) पत्नी रामदेवान को गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर के ऊपर स्थित पीओपी वार्ड के सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया है। उनके पेट का ऑपरेशन हुआ है। शुक्रवार दोपहर मरीज शैला देवी का भतीजा अजय कुमार अपनी पत्नी सुनीता के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज देखने आए थे। अजय बाएं पैर से दिव्यांग हैं। दवा इलाज के बारे में अजय डाक्टरों से पूछने लगे थे, इसी बात से नाराज होकर जूनियर डाक्टरों ने गाली देकर भगा दिया। तीमारदार ने गाली देने से मना किया तो जूनियर डॉक्टर धक्का देना शुरू कर दिया तो वह मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लगा तो डाक्टरों ने मोबाइल फोन छीन लिया। जूनियर डाक्टरों ने 20 से 25 की संख्या मे हॉस्टल से और जूनियर डाक्टरों को बुला लिए, इसके बाद तीमारदार को वार्ड से घसीटते हुए लात जूतों, चप्पलों व डंडे से मारते हुए सीढ़ी से घसीटते नीचे लेकर ट्रामा सेंटर जाने लगे। बीच-बचाव करने पहुंची पत्नी सुनीता की भी जूनियर डाक्टरों ने पिटाई कर दी। इसी बीच मेडिकल चौकी पुलिस पहुंची तो जूनियर डाक्टरों ने पुलिस के ऊपर भी हाथ छोड़ दिया और पुलिस की मौजूदगी में दिव्यांग की पिटाई करते रहे। किसी तरह पुलिस ने बीच बचाव कर पति-पत्नी को गुलरिहा थाने पहुंचाया। अजय छत्तीसगढ़ में पूरे परिवार के साथ रहता है और वहीं प्राइवेट जॉब करता है।
महिलाओं को लात और थप्पड़ से मारा
मारपीट होती देख बीच बचाव करने गए अन्य महिला तीमारदारों से भी जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की। महिलाओं को थप्पड़ और लात से मारा गया। इतना ही नहीं वीडियो को डिलीट नहीं करने पर मोबाइल फोन को छीन लिया गया। जूनियर डॉक्टरों के गुंडों वाली हरकत की जानकारी पर मेडिकल कॉलेज में अफरातफरी का माहौल हो गया। अन्य वार्डों में पेशेंट्स और अटेंडेंट सहम गए।
आए दिन हो रही घटनाएं, लेकिन कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज में आए दिन मारपीट की घटनाएं होती हैं, लेकिन पुलिस न तो सख्ती से कार्रवाई करती है और न ही कॉलेज प्रशासन ही कोई ऐसा कदम उठाता है, जिससे अंकुश लग सके। यहीं नहीं विगत वर्षों में भी मारपीट कई घटनाएं हो चुकी हैं। प्रभावी कार्रवाई न होने से जूनियर डॉक्टरों का हौसला बढ़ता गया।
वीडियो वायरल होने के बाद प्रकरण संज्ञान में आया। इस मामले में तीन शिक्षकों की जांच समिति गठित कर दी गई है। इस मामले में शामिल दो जूनियर डॉक्टरों को अग्रिम आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। समिति की जांच रिपोर्ट के बाद और कठोर कार्रवाई होगी।
- डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज