गोरखपुर (ब्यूरो) अभ्यर्थी ने कहा वहां तो भीड़ है, कोई दूसरा डाक्टर बताइए। क्लर्क ने बताया, एबीएचडब्लूसी महादेवपुरम अस्पताल के डॉ। सुमित कुमार राय के पास जाइए। हास्पिटल का नाम और स्थल सुनकर अभ्यर्थी का सिर चकरा गया। यह हास्पिटल कहां है। क्लर्क ने कहा, उसे भी इतना ही पता है। अभ्यर्थी बड़बड़ाते हुए काउंटर से चला गया।

नहीं हुई चिकित्सकों की तैनाती

आशुतोष ही नहीं दर्जनों अभ्यर्थी मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए परेशान हो रहे हैं। परिवहन विभाग ने व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और दलालों की घुसपैठ रोकने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट को आनलाइन तो कर दिया, लेकिन अभी तक मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए पर्याप्त चिकित्सकों की तैनाती नहीं कर पाया है। मजबूर अभ्यर्थियों को मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए 20 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ रही है। यह तब है जब डीटीआई के नजदीक वाले चिकित्सकों को ही मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए नामित किया जाना है।

दूर के डॉक्टर को किया नामित

आलम यह है कि परिवहन विभाग ने एक चिकित्सक पीएचसी चरगांवा के डॉ। धनंजय कुशवाहा को तो दूसरा महादेवपुरम के डॉ। सुमित कुमार राय को मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए नामित किया है। अन्य किसी चिकित्सक द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट मान्य ही नहीं होगा। पीएचसी चरगांवा स्थित नामित चिकित्सक के पास भीड़ बढऩे से अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ जा रही है। अभ्यर्थी महादेवपुरम का नाम सुनते ही सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। 30 से 40 अभ्यर्थी प्रतिदिन परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए डीटीआई पहुंचते हैं। 40 वर्ष व उससे अधिक उम्र के अभ्यर्थियों के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य है।

मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सीएमओ से जनपद के चिकित्सकों के नाम मांगे गए हैं। सीएमओ की सूची के आधार पर ही चिकित्सकों को नामित किया गया है। अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए सभी क्षेत्र में चिकित्सक नामित किए जाएंगे, ताकि अभ्यर्थियों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए सीएमओ को लिखा गया है।

अरुण कुमार, एआरटीओ प्रशासन- गोरखपुर