गोरखपुर (ब्यूरो) डिपो के लिए कुल पांच एकड़ जमीन की जरूरत है, लेकिन कोनी में नगर निगम के पास सिर्फ ढाई एकड़ जमीन ही मौजूद है। वहीं ढाई एकड़ जमीन की और तलाश चल रही है। स्टेशन बनाने के लिए आठ करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। अब डिपो बनाने के लिए बजट रिवाइज किया जा रहा है। डिपो में प्रतिदिन 50-50 इलेक्ट्रिक बसें चार्ज हो सकेंगी। रास्ते में डिस्चार्ज होने पर बसों को भागकर महेसरा डिपो नहीं जाना पड़ेगा।

एक बार चार्ज पर 120 किमी रन

चार्जिंग डिपो के निर्माण की जिम्मेदारी जल निगम की कार्यदायी संस्था (सीएनडीएस) को दी गई है। सीएनडीएस ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। चार्जिंग डिपो बन जाने से इलेक्ट्रिक बसों का निर्बाध संचालन हो सकेगा। इलेक्ट्रिक बसें एक बार चार्ज होने पर 120 किमी तक चलती हैं। इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने महेसरा और कोनी के बाद सहजनवां, कौड़ीराम और भटहट में भी इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग डिपो के निर्माण की योजना बनाई है। जमीन खोजी जा रही है। इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार महानगर के अलावा चौरी चौरा, गोला और बड़हलगंज तक किया जाना है।

25 बसें मिलने की उम्मीद

आने वाले दिनों में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है, जिसमें 25 बसों के जल्द मिलने की संभावना है। 29 दिसंबर 2021 से महानगर में इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई थी। वर्तमान में महानगर के आठ रूटों पर 27 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हैं। इन बसों के लिए महेसरा में चार्जिंग डिपो बनाया गया है। रास्ते में चार्ज समाप्त होने के बाद बसों को महेसरा डिपो जाना पड़ता है। ऐसे में बसों का संचालन प्रभावित होता है। लोग इंतजार करते रह जाते हैं और बसें समय से नहीं पहुंच पातीं।

चार्जिंग डिपो बनने से 100 बसें होंगी चार्ज

इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन बनने से 100 बसें एक साथ चार्ज की जा सकती है। 50-50 बसों की चार्जिंग डिपो बनाने की योजना है।

चार्जिंग डिपो के लिए पांच एकड़ जमीन की जरूरत है। कोनी में ढाई एकड़ जमीन मिल चुकी है। ढाई एकड़ और जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन मिलते निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

- ओएम यादव, जेई, सीएनडीएस