Gorakhpur: जालसाजों ने बेटिंग टिप देने के नाम पर लोगों को ठगना भी शुरू कर दिया है। बेटिंग करने के लिए लोगों को मैच की टिप देने वाले इसके लिए लोगों से हजारों रुपये फीस लेते हैं, उसके बाद भी कोई गारंटी नहीं होती कि कामयाबी हासिल होगी। टिप का विश्वास कर लोग उसी हिसाब से बेट खेलते हैं और ज्यादातर लोग हारने के बाद कर्ज में डूब जाते हैं।

सोशल मीडिया से करते हैं कांटैक्ट
जालसाज सोशल मीडिया पर मेसेज करके टिप देने का लालच देते हैं। वे पेमेंट के फर्जी स्क्रीनशॉट दिखा कर लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि कई लोग उनसे जुड़े हैं। लोगों की शिकायत के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने टिप देने वाले के नंबर पर कांटैक्ट किया। पढ़ें बातचीत के अंश

बुकी- हर मैच के 15 मिनट पहले आपको टिप दूंगा। अभी तक कई लोगों को टिप देकर लाखों रुपये जीतवा चुका हंू।
रिपोर्टर- यह सर्विस फ्र है या पेड?
बुकी- पहला डेमो मैच फ्र रहेगा और उसके बाद हर मैच का 4000 रुपए चार्ज लगेगा।
रिपोर्टर- क्या हर ओवर और प्लेयर के बारे में टिप मिलेगी?
बुकी- जी, हर प्लेयर और हर ओवर की टिप दी जाएगी।
रिपोर्टर- पेमेंट का क्या सीन है, कैसे करना होगा?
तुरंत सामने से बुकी द्वारा पेमेंट लेने के लिए क्यूआर भेजा गया।
बुकी- मैच होने के आधे घंटे पहले टिप का चार्ज 4000 रुपये इस क्यूआर पर पे करियेगा। फिर आपको मैच शुरू होने से पहले टिप भेज दी जायेगी।
रिपोर्टर- क्या सारी टिप सही होगी?
बुकी- जी, 100 परसेंट सही टिप मिलेगी।

पैसे लेकर बताते हैं टिप, गलत होने पर कर देते हैं ब्लॉक
जैसे ही आप इन्हें पेमेंट करेंगे आपके पास एक मैसेज आएगा, जिसमें हर ओवर के हिसाब से रन और विकेट लिखे रहेंगे। आपको लगेगा कि यह बिलकुल सही होगा लेकिन जब मैच शुरू होगा और आगे बढ़ेगा तब धीरे धीरे इनकी दी हुई सारी टिप गलत रहेगी और आपके पैसे डूब जाएंगे। कंप्लेन करने के लिए जैसे ही आप इन्हें कॉल या मैसेज करेंगे तो यह आपको ब्लॉक कर देंगे।

केस 1
दर्शन आईपीएल में बेटिंग करता था और हार जाता था फिर उसे बेटिंग टिप के बारे में पता चला। टिप के अनुसार खेलने पर उससे पहले तो प्रॉफिट हुआ बाद में वह पैसे हारने लगा। पैसे हार के खत्म होने के बाद उसने उधर लेकर टिप के भरोसे बैटिंग करके सारे पैसे हार गया। ऐसा करते हुए वह 25 लाख रुपये से ऊपर का कर्जदार हो गया। वापस टिप देने वाले बुकी के पास जब फोन या मैसेज से बात करने की कोशिश की तो बुकी ने अपना नंबर बंद कर लिया। रिपोर्ट बताती है कि उधार के पैसे समय पर वापस न करने पर लेनदारों ने उसके परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया, जिसके चलते दर्शन और उसकी पत्नी रंजीता ने आत्महत्या कर ली।

केस 2
निखिल के दोस्तों ने उसे ऑनलाइन बेटिंग सिखायी। बैटिंग करने के दौरान वह कभी हारता और कभी जीत जाता था। एक दिन उसके फोन पे बेटिंग टिप के बारे में पता चला। निखिल ने टिप के लिए बुकी को पैसे दिये और बुकी ने मैच की फर्जी टिप उसको भेज दी। टिप के भरोसे पर निखिल ने जब खेलना शुरू किया तो उसे थोड़ा प्रॉफिट हुआ फिर निखिल ने ज्यादा लालच के चक्कर में अपने पिता के अकाउंट से 1 लाख रुपये निकाल कर बैट लगा दिया और पूरे पैसे हार गया। पिता के डर से निखिल घर छोड़ कर भाग गया। घर वालों ने निखिल की मिसिंग कंप्लेन लिखाई उसके बाद निखिल को ढूंढा गया। पूरी बात पता चलने पर जब बुकी के नंबर पर फोन लगाया गया तो नंबर ऑफ मिला और चेक करने पर पता चला कि नंबर फर्जी डॉक्यूमेंट देकर लिया गया है।