गोरखपुर (ब्यूरो)।

उसके जेल पहुंचने की जानकारी होने पर विवेचकों ने बयान दर्ज किया। उसने खुद को महज एंबुलेंस संचालक बताते हुए कुछ जानकारी पुलिस को दी है। जिसकी जांच चल रही है।

खराब बताई सरकारी व्यवस्था

बीते 16 फरवरी को डीएम के निर्देश पर सीएमओ व सिटी मजिस्ट्रेट ने पुलिस टीम के साथ रामगढ़ताल एरिया के पैडलेगंज स्थित ईशु हॉस्पिटल में जांच की। इस दौरान एक मृत व्यक्ति का वेंटीलेटर पर इलाज चल रहा था। इस मामले में छानबीन के दौरान बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पेशेंट्स के अटेंडेंट को सरकारी व्यवस्था खराब होने का हवाला देकर नर्सिंग होमों में भेजने की बात सामने आई। इस मामले में अस्पताल संचालक, डॉक्टर सहित 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस ने छह लोगों को अरेस्ट किया।

आठ आरोपियों को भेजा जेल

दो अन्य अभियुक्तों के नाम जांच में सामने आए। पुलिस ने कुल आठ आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेजवा दिया। अस्पताल संचालक की पत्नी रेनू, मनोज निगम, अजय और अजीत की तलाश जारी रही। पुलिस की जांच में सामने आया कि एंबुलेंस संचालक मनोज निगम की अहम भूमिका है। तो उसकी तलाश तेज कर दी गई। इस बीच उसने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर करने की अर्जी दे दी। सादे कपड़ों में पुलिस उसकी धर पकड़ के लिए कचहरी में एक्टिव हो गई। लेकिन उसने पुलिस को चकमा देकर सरेंडर कर दिया। इसी जानकारी होने पर विवेचकों ने जेल पहुंचकर उसका बयान दर्ज किया। मनोज के खिलाफ चिलुआताल और रामगढ़ताल में केस दर्ज हैं। पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में हाजिर हुआ मनोज

पेशेंट्स को नर्सिंग होम में भेजकर रुपए कमाने के आरोपी है मनोज

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पेशेंट्स को नर्सिंग होम में भेजकर रुपए कमाने के आरोपी मनोज निगम ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके कोर्ट में अर्जी देने के बाद सादे कपड़ों में पुलिस कचहरी का चक्कर लगाती रही। वह चकमा देकर न्यायालय में हाजिर हो गया। उसके जेल पहुंचने की जानकारी होने पर विवेचकों ने बयान दर्ज किया। उसने खुद को महज एंबुलेंस संचालक बताते हुए कुछ जानकारी पुलिस को दी है। जिसकी जांच चल रही है।