गोरखपुर (ब्यूरो)।पीडब्ल्यूडी अफसरों का दावा है जिले में 1500 किलोमीटर में से 1300 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे भर दिए गए हैं। मतलब 86 परसेंट काम पूरा हो गया है। जबकि ठेकेदार संघ ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि डिपार्टमेंट झूठ बोल रहा है। ठेकेदारों की हड़ताल के चलते अभी तक सिर्फ 50 परसेंट काम ही हो सका है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गड्ढामुक्त सड़कों की असलियत जानी तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

30 नवंबर भी बीती

सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने के लिए सरकार की ओर से बढ़ाई गई मियाद 30 नवंबर को खत्म हो गई। पीडब्ल्यूडी से लेकर नगर निगम और जीडीए का दावा है कि सड़कें दुरुस्त कर दी गई हैं। इसमें पीडब्ल्यूडी ने 86 परसेंट तो नगर निगम और जीडीए का शत प्रतिशत गड्ढों को भरने का दावा है। हालांकि पीडब्ल्यूडी के दावे पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। इसका हैरान कर देने वाला सच यह सामने आया है कि यदि सभी पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार बीते दो महीने से हड़ताल पर हैं तो आखिर विभाग ने किसके जरिए सड़कों की मरम्मत कराई। पूर्वांचल ठेकेदार समिति का दावा है कि अभी महज 50 परसेंट सड़कों की ही मरम्मत हो पाई है। पीडब्ल्यूडी का दावा है कि 1500 किलोमीटर में से करीब 1300 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे भरे गए हैं। लेकिन ठेकेदार संघ का कहना है कि निविदा के बहिष्कार किए जाने के चलते कई सड़कों के लिए टेंडर ही नहीं हो सके।

कौड़ीराम में ऊचेर-गजपुर मार्ग गड्ढे में तब्दील

सिटी के आसपास और रूरल एरिया की सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। कौड़ीराम एरिया के गजपुर मार्ग पर ऊचेर-गजपुर मार्ग 3 किलोमीटर तक गड्ढे में तब्दील है। वहीं सोहगौरा मार्ग 4 से 5 किलोमीटर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इतना ही नहीं गोला-कौड़ीराम मार्ग पर स्थित बर्राह चौराहे को सीधे जोडऩे वाली सड़क लगभग डेढ़ किमी संपर्क पिच क्षतिग्रस्त है। इसी क्रम में 25 वर्षो से मुरारपुर से बंदूआरी पाठक तक सड़क करीब डेढ़ किलोमीटर बदहाल है।

उरुवा में फत्तेपुर से रौजा दरगाह तक चलना मुश्किल

उरुवा एरिया के फत्तेपुर से रौजा दरगाह तक टूटी सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। कई बार राहगीर गिरकर घायल भी हो चुके हैं। फिर भी जिम्मेदार इसे बनवाने के लिए जहमत नहीं उठा रहे हैं। इसके अलावा गगहा - गंभीरपुर-मसानपाकड़ सड़क दर्जनों गांव को गगहा गजपुर मार्ग से जोड़ती है। वर्ष 2015 में इस सड़क की मरम्मत हुई थी। एक बरसात के बाद ही यह सड़क पूरी तरह से उखड़ गई। तब से क्षतिग्रस्त सड़क गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई। यहीं हाल कोठा, बेलकुर, जीवकर, लगवा-भलुवान, सिसाय, बासूडीहा, बासपार समेत करीब एक दर्जन गांव को राष्ट्रीय राजमार्ग 29 से जोड़ती है। आसपास के लोगों की मानें तो वर्ष 2007 में नगवा से भलुआन मार्ग की सड़क बनाई गई। लेकिन इसके बाद से ही मार्ग पर कोई कार्य नहीं हो सका।

सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए जोरों पर पैचिंग कार्य चल रहा है। अधिकांश सड़कों के गड््ढे भरे जा चुके हैं। कुछ बचे हैं उस पर तेजी से कार्य चल रहा है।

- प्रवीण कुमार अग्रवाल, एक्सईएन, प्रांतीय खंड

पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट झूठ बोल रहा है। अभी केवल 50 परसेंट ही काम हुआ है। ठेकेदार दो महीने से हड़ताल पर हैं, विभाग ने जोड़-तोड़ करके काम कराया, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका है।

- शरद कुमार सिंह, अध्यक्ष, पूर्वांचल ठेकेदार समिति

दावा- नगर निगम-जीडीए का काम पूरा

नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय चौहान ने कहा, निगम एरिया में गड्ढों को भरने का काम शत प्रशित पूरा कर लिया गया है। निगम एरिया में 57 सड़कों का लक्ष्य था, जिसकी कुल लंबाई 22.54 किलोमीटर थी। जीडीए के एक्सईएन किशन सिंह ने कहा, जीडीए ने सड़कों को गड्ढे भरने का काम पूरा कर लिया है। 15 सड़कों के गड्ढों को भरने का लक्ष्य था, जिसकी लंबाई 4.80 किलोमीटर थी।