गोरखपुर (ब्यूरो)। यहां आने वाले पैसेंजर्स बस में बैठने के बाद तो राहत महसूस करते हैं, लेकिन इससे पहले स्टेशन का वेटिंग पीरियड उनके लिए सिरदर्द बन जाता है। वजह, सिटी के सभी बस अड्डों पर वेटिंग रूम का न होना है। ऐसे में बस पकडऩे स्टेशन पहुंचे यात्री कभी चिलचिलाती धूप में जलने को मजबूर होते हैं तो बस सीट की कमी के चलते बस अड्डे की फर्श पर बैठकर बस का वेट करते हैं। एसी वेटिंग रूम न होने के चलते जनरथ और वॉल्वो जैसी लग्जरी बसों से यात्रा करने वाले पैसेंजर्स भी भीषण गर्मी में पसीने से तरबतर होने को मजबूर रहते हैं।

ढाई करोड़ से बना स्टेशन नहीं बना वेटिंग रूम

सिटी के राप्तीनगर बस अड्डे का रिनोवेशन दो करोड़ 64 लाख रूपये की लागत से करीब पांच साल पहले किया गया था। गोरखपुर रीजन में सबसे ज्यादा एसी बसें भी राप्तीनगर डिपो से ही चलती हैं, लेकिन आजतक यहां एसी वेटिंग रूम तो छोडि़ए बंद दरवाजे का पंखे वाला वेटिंग रूम भी नहीं बन सका है। आलम ये है कि यहां बस पकडऩे आए लोगों को लू के थपेड़ों को भी झेलना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं और बच्चों को होती है। खुले में बारामदे में बैठने के चलते उन्हें असहज महसूस होता है।

फर्श पर बैठकर करते हैं इंतजार

एसी बसों में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स किराया तो पूरा देते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर रोडवेज की ओर से उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है। गोरखपुर बस अड्डे की हालत ये है कि यहां लखनऊ, दिल्ली जाने वाली बस का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स वेटिंग रूम न होने के चलते खुले बारामदे में बेंच पर बैठते हैं। दिन चढ़ते ही बारामदे में धूप आनी शुरू हो जाती है। इससे बचने के लिए पैसेंजर्स पीछे की ओर फर्श पर बैठकर बस का इंतजार करते हैं।

महिला वेटिंग रूम में केवल एक बेंच

गोरखपुर बस स्टेशन पर बने महिला वेटिंग रूम में केवल एक पंखा और एक बेंच लगी है। स्टेशन बिल्डिंग में पीछे की ओर बने इस रूम में महिलाएं जाने तक से घबराती हैं। इन कमरों में कुछ कंडक्टर और सफाईकर्मी ही आराम करते हैं। महिलाएं या तो धूप में बैठकर बस का इंतजार करती हैं या फर्श पर बैठकर।

यात्रियों के लिए नहीं है प्लेस

गोरखपुर रीजन के आरएम ऑफिस के सभी कमरों में एसी लगा हुआ है, लेकिन रीजन के किसी भी बस अड्डे पर अबतक एसी वेटिंग रूम नहीं बन पाया है। एक ओर जहां आरएम ऑफिस के प्यून तक एसी में रहते हैं तो वहीं दूसरी ओर रोडवेज को भारी-भरकम किराया देने के बावजूद यात्री बैठने तक की जगह नहीं पाते।

मैं लखनऊ से जनरथ से गोरखपुर आया। आलमबाग में तो सभी सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन गोरखपुर पहुंचने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां दिन में बहुत तेज धूप बेंच तक आ रही थी। इसपर बैठना मुश्किल था।

अमित मिश्रा, गोरखपुर

मैंने आलमबाग में वाल्वो बस पकड़ी थी। दोपहर में गोरखपुर पहुंचा तो यहां तापमान ज्यादा होने के चलते बस से उतरते ही पूरा शरीर भीग गया। स्टेशन कैंपस में कोई सुविधा न होने के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रोडवेज प्रशासन को यहां एसी वेटिंग रूम बनाना चाहिए।

राहुल तिवारी, गोरखपुर

राप्तीनगर बस अड्डे पर जल्द ही वेटिंग रूम में एसी लगवाकर यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गोरखपुर बस अड्डे पर रिनोवेशन के बाद ही यह सुविधा मिल पाएगी। किसी भी सूरत में यात्रियों को परेशानी नहीं होने पाएगी।

- लव कुमार सिंह, आरएम