गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय का निर्माण महज 23 परसेंट ही हो पाया है। यानी की 77 परसेंट कार्य अभी बाकी है। जबकि इसी साल सितंबर महीने में इसे बनाकर तैयार किए जाने की अवधि निर्धारित की गई है।

तत्कालीन राष्ट्रपति ने किया था शिलान्यास

बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयास से भटहट के पिपरी में 220 करोड़ रुपए की लागत से आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है। इसका शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। विश्वविद्यालय के निर्माण का टेंडर विजय निर्माण कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। फर्म ने इसका निर्माण कार्य मार्च 2022 में ही शुरू कर दिया था। लेकिन कार्य धीमी गति होने का कारण लोक निर्माण विभाग ने कार्यदायी संस्था को नोटिस देकर चेताया था। चेतावनी में कहा गया था कि काम की गति धीमी और संतोषजनक नहीं है। अगर काम में सुधार नहीं हुआ तो पेनाल्टी लगाई जाएगी। कई बार नोटिस के बाद भी जब फर्म की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो लोक निर्माण विभाग ने एक करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगा कर कंपनी के बिल से कटौती कर दी। फिर क्या था मामला डीएम आफिस तक पहुंच गया। उसके बाद मामले गंभीरता से लेते हुए डीएम ने इस पर कार्रवाई की बात कही है।

पीडब्लूडी ने दिया था नोटिस

डीएम आफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, दोबारा काम में शिथिलता बरतने पर लोक निर्माण विभाग की तरफ से फर्म को नोटिस दिया गया। इसके बाद भी काम में सुधार नहीं होने पर फिर 1.10 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाकर चीफ इंजीनियर के पास संस्तुति के लिए भेजा गया। निर्माण खंड भवन अधिशासी अभियंता अनिल कुमार की मानें तो आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण निजी कंपनी विजय करा रही है। समय से कार्य नहीं कराने पर पहले उसे नोटिस दिया गया। फिर भी कार्य की तेजी नहीं आई तो एक करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई गई। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो एक करोड़ दस लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई। अब मामला डीएम के पास जांच के लिए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि अगर यही हाल रहा तो फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।

आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में धीमी गति से कार्य होने पर पेनाल्टी लगाई गई। जांच भी चल रही है। पीडब्लूडी की तरफ से नोटिस भेजा गया था। इसके अलावा दूसरे जगहों पर चल रहे निर्माण कार्य में धीमी गति पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

कृष्णा करुणेश, डीएम गोरखपुर