गोरखपुर (ब्यूरो)।नशीली इंजेक्शन की सप्लाई गोरखपुर में तस्कर को किसने दी थी, एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। तस्कर के पास मिले इंजेक्शन इंटरनेशनल मार्केट में पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। इसे अब तस्करी कर नशे के तौर पर बेचा जा रहा है।


गोरखपुर के रास्ते बिहार और नेपाल में सप्लाई
गोरखपुर एसटीएफ यूनिट के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने बताया, सूचना मिली थी कि इन दिनों गोरखपुर के रास्ते नशीली दवाओं के साथ ही नशीली इंजेक्शन की भी बिहार और नेपाल में सप्लाई हो रही है। इस सूचना पर टीम लगातार काम कर रही थी। इस बीच गुरुवार की देर रात मुखबिर से सूचना मिली कि, एक फोर्ड फिस्टा कार में नशीली दवाओं की खेप भरकर पीपीगंज के रास्ते नेपाल जा रही है। सूचना पर एसटीएफ टीम एक्टिव हो गई और पीपीगंज के भगवानपुर चौराहे पर घेराबंदी शुरू कर दी। मुखबिर की निशानदेही पर टीम ने गोरखपुर के रास्ते आ रही फोर्ड फिस्टा कार को रोक लिया। जैसे ही टीम ने कार रोकी, उसमें बैठा ड्राइवर गाड़ी से निकलकर भागने लगा। टीम ने दौड़ाकर उसे पकड़ लिया।
Amir Khan
इंडस फार्मो और केयर जैक के इंजेक्शन मिले
कार की तलाशी लेने पर उसमें से भारी मात्रा में इंजेक्शन मिली। गिनने पर इनकी संख्या 2700 इंजेक्शन निकली। जिसकी इंडियन बाजार में कीमत करीब 1.75 हजार रुपए है। जबकि, इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत 7 लाख रुपए है। कार में दो कंपनियों के इंजेक्शन भरे थे। पहला इंडस फार्मो प्राइवेट लिमिटेड का बुप्रेनॉर्फिन इंजेक्शन और दूसरा केयरजैक का डाइजीपाम इंजेक्शन शामिल है।
पीपीगंज के सप्लायर ने दी इंजेक्शन की खेप
वहीं, एसटीएफ की पूछताछ में पकड़े गए आरोपी की पहचान महराजगंज के सुकरौली सोनौली बाजार के रहने वाले आमिर खान के रुप में हुई। पूछताछ में उसने टीम को बताया, लकी नाम के युवक की नौतनवां में कपड़े की दुकान है। यह इंजेक्शन आमिर को लकी ने ही उपलब्ध कराया था। लकी ने ही आमिर को एक मोबाइल नंबर दिया था, जिससे पीपीगंज में यह इंजेक्शन उससे मिला है।
हाल ही में जेल से छूटा है आमिर
आमिर ने एसटीएफ टीम को यह भी बताया, वह नशीली दवाओं की तस्करी का काम काफी समय से कर रहा है। इस धंधे में शामिल होने से वह जेल भी गया था। हाल ही में वह महराजगंज जेल से गैंगेस्टर एक्ट के एक मामले में जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आया है। लकी और पीपीगंज के उसे सप्लायर की तलाश कर रही है, जिसने आमिर को इन इंजेक्शन की खेप अवेलबल कराई।