गोरखपुर (ब्यूरो)। पेट की खातिर बिना सेफ्टी इक्विपमेंट्स के ही खंभे पर चढ़कर काम शुरू कर दे रहे हैं। वह यह भी नहीं सोचते हैं कि ऐसा करने से उनकी जान को खतरा है। मगर पापी पेट जो न करवाए। अभी हाल में ही चौरीचौरा खंड के पलिपा उपकेंद्र एरिया में करंट से कई कर्मियों के हाथ बुरी तरह से झुलस गए। अलम यह है कि अब वह कुछ दिनों तक कार्य करने में असमर्थ हैं। परिवार वाले भी चिंता में हैं कि अब आगे क्या होगा। यहीं कमाने वाले थे, अब घर का खर्च कैसे चलेगा।

बिना सुरक्षा उपकरण के जोखिम में जान

हर महीने कंज्यूमर्स से करोड़ों रुपए का बिजली बिल वसूल करने वाले बिजली निगम के जिम्मेदार की लापरवाही कर्मियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। मैनपॉवर की सप्लाई करने वाली फर्म बिना सुरक्षा किट के बिजली खंभों पर चढ़ाकर काम करवा रहे हैं। सुरक्षा किट के अभाव में पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं खुल रही है। काम कराने वाली फर्म इन कर्मियों की जान से खिलवाड़ करते हुए कोई उपकरण नहीं उपलब्ध करा रही हैं।

दुर्घटना का हो रहे शिकार

जिले में बिजली निगम में प्राइवेंट फर्म लाइन मेंटनेंस, क्षमता वृद्धि और खंभों को लगाने का कार्य कर रही हैं। कर्मी बिना सुरक्षा उपकरणों के चढ़कर काम करने का विवश हैं। सुरक्षा के अभाव में अक्सर कर्मी किसी न किसी दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं। लेकिन संस्थाएं बिजली निगम संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही संचालित हो रही हैं। गोरखपुर जिले में तीन सर्किट हैं। इससे जुड़े डिविजन में लगभग 1500 से 2000 से अधिक कर्मी काम कर रहे हैं।

बिना सेफ्टी पोल पर नहीं चढऩा है

नियमानुसार सुरक्षा उपकरण के साथ ही लाइनमैन बिजली के पोल पर चढ़ सकता है, लेकिन कंपनी के ठेकेदार की ओर से कर्मियों को बिना सुरक्षा उपकरण के ही कार्य करा रहे हैं। इतना ही नहीं कोई भी बड़ा छोटा फॉल्ट आने पर इन्हीं कर्मियों से लाइन को दुरुस्त करवाया जाता है। ऐसे में बिना सुरक्षा उपकरण के कार्य करने पर घटनाएं होती रहती हैं।

नहीं दी गई नोटिस

चौरीचौरा एरिया के पलिपा में जुगाड़ के शटडाउन के बीच बिजली आने से 18 फरवरी को झुलसे पांच कर्मचारियों से काम कराने वाली भदोही जिले के दुर्गागंज की संकट मोचन इलेक्ट्रिक्स को नोटिस तक नहीं दी गई हैं। जबकि सभी कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण काम कर रहे थे। इसकी पुष्टि के बाद भी अभियंता आंख बंद किए बैठे हैं। कार्यदायी संस्था ने स्थानीय हाइड़ा संचालक भोला को काम दिया है।

ये 18 प्रकार के सुरक्षा उपकरण

हेलमेट

सेफ्टी बेल्ट

अर्थ चेन

कटिंग प्लायर

ग्लव्स

सीढ़ी

रस्सा

चैनपुली ब्लॉक

फस्र्ट एंड बॉक्स

टेस्टर

स्पेनर सेट

वर्दी

आईडी कार्ड

शूज

टॉर्च

स्क्रू ड्राइवर

अर्थ रॉड

रेन कोट

हो चुकी हैं घटनाएं -

16 फरवरी 2024 चौरीचौरा के पलिपा में करंट लगने से पांच कर्मी झुलसे।

09 सितंबर 2023 गगहा एरिया में संविदा कर्मी के सहयोग से राजन कार्य कर रहा था। करंट लगने से उसकी मौत गई थी।

29 मई 2023 भटहट विकास खंड के जंगल डुमरी में फाल्ट ठीक करते समय हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से लाइनमैन गंभीर रूप से झुलस गया। लापरवाही पर केस दर्ज।

14 अगस्त 2020 फोन पर गलत शटडाउन देने से राप्तीनगर में एक प्राइवेट कर्मी की करंट लगने से मौत।

बिना सुरक्षा उपकरणों के प्राइवेट फर्म अपने कर्मियों से काम करना रही है तो गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

- आशु कालिया, चीफ इंजीनियर गोरखपुर प्रथम जोन