लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर लगने वाले कंपोनेंट्स को लेकर मीटिंग बुलाई गई थी, वहीं इस मीटिंग में मीटर निर्माता कंपनियों ने ऑफर दिया कि उनकी ओर से 15 हजार मीटर तैयार कर लिए गए हैैं और अब इनका परीक्षण करा लिया जाए। इस पर उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाया है कि जब पहले ही मीटर तैयार करा लिए गए हैं तो अब जांच किस बात की। परिषद अध्यक्ष ने मध्यांचल और पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया है और जांच की मांग की है।

उपभोक्ताओं के घर लगने हैैं मीटर

मध्यांचल डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले लाखों उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैैं। हाल में ही यह स्पष्ट हुआ था कि जो मीटर लगाने की तैयारी हो रही है, उनमें चाइनीज कंपोनेंट यूज किए गए हैैं। उपभोक्ता परिषद की ओर से मामला उठाए जाने के बाद फिलहाल इस पर रोक लगा दी गई थी। यह स्पष्ट किया गया था कि भारत सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से ही मीटर के अंदर कंपोनेंट लगेंगे, जिसमें 70 प्रतिशत कंपोनेंट अनिवार्य रूप से भारतीय होंगे और यह तय किया गया कि चीन निर्मित कंपोनेंट नहीं लगेंगे।

आठ सदस्यीय कमेटी बुलाई गई थी

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी लिखित आदेश के बाद अब सभी बिजली कंपनियों में दोबारा जीटीपी से चीनी कंपोनेंट को हटाकर संशोधित किया जाने लगा और उसी क्रम में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में 19 अप्रैल को 8 सदस्य जीटीपी कमेटी की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें स्मार्ट मीटर में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के वेंडर की जीटीपी अनुमोदन पर विचार विमर्श किया गया।

लिखित में दे दिया प्रस्ताव

अभी जीटीपी अनुमोदन की अंतिम प्रक्रिया चली ही रही थी कि कुछ मीटर निर्माता कंपनियों ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को लिखित में यह प्रस्ताव दे दिया कि उनके पास 15 हजार मीटर तैयार हैं। 1200 स्मार्ट प्रीपेड मीटर का तत्काल परीक्षण कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जाए। अब सवाल उठना लाजमी है कि जब मीटर के अंदर लगने वाला कंपोनेंट का अनुमोदन ही 19 को होने वाला है तो 19 को स्मार्ट मीटर बनकर तैयार कैसे हो गए? इसका मतलब कुछ मीटर निर्माता कंपनियों ने पूर्व में जो चीन निर्मित जीटीपी अनुमोदित कराई थी उसके आधार पर ही मीटर तैयार कर लिया और अब बिजली कंपनियों की आंख में धूल झोंक कर और कुछ अभियंताओं से मिलीभगत करके उसे उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाने की जुगत में निरीक्षण परीक्षण कराने में लग गए हैैं।

गंभीरता से जांच होनी चाहिए

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। यह कैसे संभव है कि कि जिस डेट में मीटर के अंदर क्या लगेगा, उसकी बैठक हो रही है और उसी तारीख में मीटर बनकर तैयार हो जाता है। अगर ये मीटर उपभोक्ताओं के यहां लग गए तो आने वाले समय में उपभोक्ता ही परेशान होंगे।