गोरखपुर (ब्यूरो).ये काफी दिनों से देखने को मिल रहा है कि थानों पर जब फरियादी पहुंचते हैं तो उनकी शिकायत तो सुनी जाती है, लेकिन एफआईआर लिखने में पुलिस टालमटोल करती है। यही वजह है कि अगस्त मंथ के सर्वे में केवल 11.4 परसेंट पब्लिक ने एफआईआर को लेकर संतोष जाहिर किया है। जबकि मार्च में जब सर्वे स्टार्ट हुआ था तब 30.22 परसेंट पब्लिक ने संतोष जाहिर किया था। धीरे-धीरे हर महीने इसका ग्राफ गिरता गया है।

एफआईआर का गिरता गया ग्राफ

मंथ फीडबैक परसेंटेज

मार्च 30.22

अप्रैल 27.2

मई 23.0

जून 16.6

जुलाई 23.5

अगस्त 11.4

आईजीआरएस का बढ़ा ग्राफ

मंथ फीडबैक परसेंटेज

मार्च 25.47

अप्रैल 28.5

मई 26.4

जून 19.5

जुलाई 57.4

अगस्त 35.1

यहां सुधरा परफार्मेंस

ट्विटर पर गोरखपुर पुलिस को पब्लिक का अच्छा सपोर्ट मिला है। पुलिस को मार्च में ट्विटर पर केवल 35 परसेंट पब्लिक का समर्थन मिला। जबकि अगस्त मंथ में गोरखपुर पुलिस को 53 परसेंट पब्लिक ने वोट कर अति उत्तम बताया। इसी तरह डायरेक्ट पोल में भी मार्च मंथ में पुलिस को 49.00 परसेंट वोट मिले। जबकि अगस्त मंथ में इसका ग्राफ तेजी से बढ़ते हुए 71.7 परसेंट पहुंच गया। यहां भी पब्लिक पुलिस से संतुष्ट नजर आई।

रेटिंग में भी हुआ सुधार

छह माह तक चले इस सर्वे में गोरखपुर पुलिस के पब्लिक अप्रूवल रेटिंग में भी सुधार देखने को मिल रहा है। मार्च में पुलिस की रेटिंग 43.05 थी। जो अगस्त मंथ में बढ़कर 55.55 परसेंट पहुंच गई। इसी तरह पीआरवी के परफार्मेंस से पब्लिक संतुष्ट नजर आई। पीआरवी को लेकर मार्च में 75.58 परसेंट लोगों ने अपनी संतुष्टी जाहिर की। वहीं अगस्त में 73.2 परसेंट पब्लिक ने पीआरवी के परफार्मेंस को अच्छा बताया।

पब्लिक अप्रूवल रेटिंग में पीछे गोरखपुर

गोरखपुर मंडल के चार जिलों के पब्लिक अप्रूवल रेटिंग की बात की जाए तो अगस्त मंथ में गोरखपुर की 55.55, देवरिया 66.13, कुशीनगर 65.37 और महाराजगंज 62.38 परसेंट है। चार जिलों में गोरखपुर की रेटिंग सबसे पीछे है।

पासपोर्ट में अतिउत्तम पुलिस

पिछले तीन मंथ से पासपोर्ट और कैरेक्टर सर्टिफिकेट का भी पब्लिक से फीडबैक लिया जा रहा है। पब्लिक ने इसपर अपना अच्छा फीडबैक दिया है। अगस्त मंथ में 88.9 परसेंट लोगों ने इन दोनों काम के लिए गोरखपुर पुलिस को अतिउत्तम बताया है।

पुलिस के कार्यप्रणाली में सुधार के लिए पब्लिक अप्रूवल सिस्टम शुरू किया गया है। इससे काफी सुधार देखने को मिल रहा है। गोरखपुर पुलिस का एफआईआर को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं मिल रहा है। इसमे सभी थानों की पुलिस को सुधार लाना होगा। कोई भी पीडि़त अगर थाने से बिना न्याय पाए वापस जाता है तो प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठेगा।

- अखिल कुमार, एडीजी