- अस्पताल में एडमिट पेशेंट्स को ब्लड डोनेट कर रही पुलिस

- लॉकडाउन में ड्यूटी संग पीडि़तों की जान बचा रहे सिपाही-दरोगा

GORAKHPUR: लॉकडाउन में गोरखपुर पुलिस का नया चेहरा सामने आया है। रोजाना पुलिस की अलग-अलग टीमें जरूरतमंदों को भोजन खिला रहीं तो दूसरी ओर तमाम लोगों को राशन मुहैया कराकर उनके चूल्हे जलाकर पेट की आग बुझाने में मदद कर रही हैं। लेकिन पुलिस ने इससे भी एक कदम आगे बढ़कर मदद का हाथ बढ़ाया है। विभिन्न अस्पतालों में एडमिट पेशेंट्स को ब्लड डोनेट कर एसआई और कांस्टेबल जान बचाने में जुटे हैं। लॉकडाउन के कारण आवश्यकता पड़ने पर जिन पेशेंट्स को परिजनों का ब्लड नहीं मिल पा रहा। उनके लिए खुद आगे बढ़कर पुलिस कर्मचारी ब्लड डोनेट कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीडि़तों की हर तरह की मदद की जा रही है। किसी की जिंदगी बचाने के लिए पुलिस पीछे नहीं हटेगी।

लॉकडाउन में नहीं पहुंच पा रहे रिश्तेदार

शहर के विभिन्न अस्पतालों में पेशेंट्स का उपचार चल रहा है। लॉकडाउन के कारण उनके तीमारदार समय से अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे। ऐसे में जिस किसी पेशेंट को ब्लड की जरूरत पड़ने पर डोनर का अभाव हो रहा है, बिना किसी डोनर के ब्लड बैंक से ब्लड मिलने में मुश्किल आ रही है। इन परिस्थितियों में किसी पेशेंट को जब ब्लड की आवश्यकता हो रही है तो लोग पुलिस को सूचना दे रहे हैं। अस्पताल में पहुंचकर पुलिस कर्मचारी डॉक्टर की सलाह पर आवश्यकता अनुसार ब्लड देते हैं। इससे मरीजों की जान बच जा रही।

ना कोई रिश्ता-नाता, मरीजों के लिए फरिश्ता

अस्पताल में एडमिट पेशेंट्स से पुलिस कर्मचारियों का कोई संबंध नहीं है। किसी से कोई रिश्तेदारी न होने के बावजूद पुलिस कर्मचारी बेहिचक लोगों की मदद को आगे आ रहे हैं। जिनको ब्लड की जरूरत पड़ रही है उनके लिए पुलिस कर्मचारी फरिश्ता बनकर सामने आ रहे। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि लॉकडाउन जैसे संकट में हम किसी की मदद करके इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं।

चौकी प्रभारी, एसआई, कांस्टेबल ने दिया ब्लड

पादरी बाजार के फातिमा हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट मनीष कुमार त्रिपाठी को ब्लड की जरूरत पड़ी। डॉक्टरों ने ब्लड का इंतजाम करने को कहा तो वह परेशान हो गए। जान बचाने के लिए खून की आवश्यकता थी। लॉकडाउन में किसी को बुला पाना बेहद ही कठिन था। किसी ने इसकी जानकारी पादरी बाजार के चौकी प्रभारी विन्ध्याचल शुक्ला को दी। तीन यूनिट ब्लड की जरूरत होने पर चौकी पर तैनात एसआई अरुण कुमार सिंह और कांस्टेबल आनंद सिंह को साथ लेकर फातिमा अस्पताल पहुंचे। वहां मेडिकल चेकअप के बाद तीनों ने ब्लड डोनेट किया। पुलिस के इस कार्य को देखकर अस्पताल के मरीजों की आंखों में आंसू आ गए।

एसएसआई और कांस्टेबल ने बचाई जान

बड़हलगंज में तैनात एसएसआई रविंद्र यादव और कांस्टेबल अनिल सिंह ने एक- एक यूनिट ब्लड देकर पेशेंट की जान बचाई। कुशीनगर के तरयासुजान, मेहदिया निवासी शफीउल्लाह का ऑपरेशन हुआ था। अचानक उनका हीमोग्लोबिन कम होने लगा। डॉक्टर ने ब्लड का इंतजाम करने को कहा तो वह फफक पड़े। उन्होंने कहा कि डॉक्टर साहब जान चली जाएगी लेकिन किसको बुलाकर खून निकलवाएं। इसकी जानकारी जब दरोगा और सिपाही को हुई तो उन्होंने पहल की। शफीउल्लाह को ब्लड देकर उनकी जान बचा ली।

एसएसपी ऑफिस के कांस्टेबल ने डोनेट किया ब्लड

एसएसपी ऑफिस के कांस्टेबल, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रभव कुमार ने मंगलवार को एक पेशेंट के लिए ब्लड डोनेट किया। सिटी के हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट मीना को अचानक ब्लड की आवश्यकता पड़ गई। एक्सीडेंट में घायल होने पर उनके पैर का ऑपरेशन होगा। डॉक्टर ने जब ब्लड मांगा तो परिजन परेशान हो गए। इसकी जानकारी एसएसपी के पेशकार इंस्पेक्टर नीरज राय को हुई। सहयोगी कांस्टेबल प्रभव कुमार के साथ वह हॉस्पिटल पहुंचे। प्रभव ने अपना ब्लड डोनेट किया। अस्पताल कर्मचारियों से लेकर तीमारदारों में इसकी खूब चर्चा रही।

वर्जन

लॉकडाउन में पब्लिक के लिए पुलिस 24 घंटे खड़ी है। सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल पहुंचकर लोगों की मदद कर रही है। लोगों से अपील है कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए कोरोना से लड़ाई में अपना सहयोग दें।

- डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी