गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर पुलिस के एक जून से चल रहे सर्वे में छह जून तक कुल 607 लोगों ने पार्टिसिपेट किया। इस सर्वे में 45 परसेंट लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली को अति उत्तम बताया। जबकि 12 परसेंट ने उत्तम, 18 परसेंट लोगों ने साधारण और 26 परसेंट ने खराब बताते हुए पोल किया। हालांकि, इस बार सर्वे में गोरखपुर पुलिस की हालत पब्लिक की नजर में सुधरी है। जबकि शुरुआती अप्रैल और मई में गोरखपुर का रिजल्ट ठीक नहीं था। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि ट्विटर के अलावा आईजीआरएस, एफआईआर की कार्रवाई, फीडबैक लेने सहित अन्य माध्यमों से सर्वे कराया जा रहा है।
ट्विटर पर अनसुनी पब्लिक की फरियाद
डिजिटल सर्वे में पुलिस की रैंकिंग भले सुधर रही है। लेकिन शिकायतों का अंबार भी लगा है। सर्वे के ट्विट पर लोगों ने अपनी समस्याएं गिनाई हैं। लोगों ने कहा है कि उनकी शिकायतों के निस्तारण में कोई इंटरेस्ट नहीं लिया जा रहा है। उनकी शिकायतों पर जांच करके आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए लिखकर फॉरवर्ड कर दिया जाता है।
@Girijes72795410
बिना हेलमेट के पुलिस वाले गाड़ी चलाएं तो उनका नहीं, लेकिन आम जनमानस का चालान कट जा रहा है क्यों, यह यक्ष प्रश्न है। दूसरा शास्त्री चौक पर सब्जी वालों द्वारा जाम की समस्या का निराकरण अभी सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। क्यों।
@AjayKum20532352
माताजी की हत्या को लगभग चार साल होने को है। परंतु अपराध संख्या 92/18 धारा 302 अभियुक्त व्यास मुनि शुक्ला आदि तीन नफर हरपुर बुदहट में अभी तक अपराध शाखा गोरखपुर की ओर से विवेचना का ना ही निस्तारण हुआ। ना ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी कराकर मुझ प्रार्थी को न्याय मिल पाया।
@Rajnesh1996
महोदय भाजपा नेता और कार्यकर्ता ही न्याय से वंचित। बीजेपी महामंत्री मनोज तिवारी का मुकदमा दर्ज न होना। एफआईआर नंबर 0162/22 में अब तक गिरफ्तारी नहीं, ऐसे अनेक मामलों हैं महोदय, पैसा बोल रहा है।
@deveshvaishbjpl
अपराधियों को संरक्षण थाना प्रभारी और सीओ कोतवाली दे रहे हैं। लगातार उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। बल्कि अपराधियों को सम्मानित करने का काम कोतवाली पुलिस कर रही है।
@KumarVi20677162
हर बार चालान सिर्फ पुरुषों का होता है। जबकि महिलाओं का चालान नहीं काटा जाता है। क्यों, नियम और कानून सबके लिए एक समान हैं। चाहे वह महिला हो या फिर पुरुष।
ट्विटर पर आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई होती है। इसकी नियमित समीक्षा की जाती है। लापरवाही मिलने पर संबंधित लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होती है।
डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर