गोरखपुर (ब्यूरो).राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रजेंटेशन के समय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों से कहा था कि आप लोग हाल ही में नैक ए++ पाने वाली लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी से अनुभव लें और उसके बाद एसएसआर सब्मिट करें। इसके साथ ही यह भी कहा कि टीम के सभी सदस्य पूर्वाग्रहों से बाहर आकर अपने काम का दायरा बढ़ाएं। बता दें, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में आखिरी बार नैक मूल्यांकन 2005 में हुआ था। उस समय यूनिवर्सिटी को बी+ ग्रेडिंग मिली थी।

लगातार हो रहीं बैठकें

गोरखपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन पिछले काफी समय से एसएसआर सब्मिट करने की तैयारी कर रहा है। मगर हर बार केवल डेट मिलती है मगर रिपोर्ट सब्मिट नहीं हो पाती। यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है, तैयारी होती है, बैठक होती है, सब होता है मगर रिपोर्ट सब्मिट नहीं होती। 2020 में भी नैक मूल्यांकन के लिए तैयारी की गई थी, पर कोविड आने के बाद यह संभव ना हो सका।

जिम्मेदारी से बच रहे जिम्मेदार

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में नैक की तैयारियों के बारे में जानकारी के लिए जब आईक्यूएसी के डायरेक्टर प्रो। अजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने इससे पल्ला झाड़ लिया। नैक के कोआर्डिनेटर संदीप कुमार से जब पूछा गया के उन्होंने कहा कि इसके बारे में जानकारी आईक्यूएसी डायरेक्टर से ही मिलेगी।

कुछ ऐसे पल्ला झाड़ रहा डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन

नैक मूल्यांकन के लिए आईक्यूएसी की टीम गठित है। इसकी जानकारी आईक्यूएसी के डायरेक्टर से मिलेगी।

प्रो। राजेश सिंह, वीसी डीडीयूजीयू

नैक मूल्यांकन पर अभी तैयारी चल रही है। एसएसआर के बारे में नैक के कोआर्डिनेटर ही बता पाएंगे।

प्रो। अजय सिंह, डायरेक्टर आईक्यूएसी

हम जो भी तैयारी करते हैं। उसकी रिपोर्ट आईक्यूएसी डायरेक्टर को देते हैं। इस बारे में आईक्यूएसी डायरेक्टर से ही बात कर लें।

संदीप कुमार, नैक कोआर्डिनेटर