गोरखपुर (ब्यूरो)। ओएसडी ने डीडीयू के प्रशासनिक भवन स्थित कमेटी हॉल में शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे उन्होंने मीटिंग शुरू कर दी थी। सबसे पहले उन्होंने यूनिवर्सिटी के

प्रशासनिक अधिकारियों कार्यवाहक वीसी प्रो। अजय सिंह, कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद, मुख्य नियंता प्रो। सतीश चन्द्र पांडेय आदि के साथ मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी की

व्यवस्था के बारे में समझने की कोशिश की। सभी संकायाध्यक्षों से वर्तमान परिदृश्यों पर जानकारी ली। इसके बाद सभी संकायाध्यक्षों के साथ मीटिंग की। उसके बाद विभागाध्यक्षों के

साथ उनकी मीटिंग दोपहर 12 बजे से करीब ढाई बजे तक चली।

दो चरणों में प्रो। कमलेश ने रखी अपनी बात

ओएसडी से प्रो। कमलेश दोपहर ढाई बजे मिले। आधे घंटे बाद स्टूडेंट््स की भीड़ को देखते हुए उन्होंने कहा कि छात्र चले जाएं, उसके बाद वे अपनी बात दोबारा रखेंगे। शाम सवा छह

से सवा सात बजे तक दूसरे चरण में प्रो। कमलेश ने अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि एक-एक कर उन्होंने यूनिवर्सिटी की उन समस्याओं पर बात की। शीतावकाश के बीच यदि

वीसी प्रो। राजेश सिंह के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो वे दोबारा धरने पर बैठेंगे। वीसी को शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों पर विश्वास नहीं है। उन्होंने बताया कि डॉ। जानी ने

आरंभ में ही कहा था कि समस्या का समाधान निकलेगा। प्रो। कमलेश ने कहा कि रविवार से वे इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे।

कारण बताओ नोटिस पर रखी बात

प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो। अजेय गुप्ता, प्रो। विजय शंकर वर्मा, प्रो। विजय कुमार, प्रो। सुधीर श्रीवास्तव, प्रो। अरविंद तिवारी, प्रो। चन्द्रभूषण अंकुर ने ओएसडी से मुलाकात की।

शिक्षकों ने कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने पर अपनी बात रखी।

प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स से भी मिले, दिया आश्वासन

डॉ। जानी ने प्री-पीएचडी सत्र 2019-20 के स्टूडेंट्स ने मुलाकात की। स्टूडेंट्स ने कहा कि वर्ष 2018 के ऑर्डिनेंस के मुताबिक ही सभी की परीक्षा कराई जाए या सभी को आंतिरक

मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट किया जाए। यदि कोई परीक्षा में फेल हो जाता है तो उसके लिए दोबारा जल्द ही परीक्षा की तिथि घोषित की जाए, जिससे उसका पंजीकरण पीएचडी में

हो सके। ओएसडी ने करीब 40 मिनट तक स्टूडेंट्स की बात सुनी फिर आश्वासन दिया कि वे गर्वनर को अवगत कराएंगे।

खिलाड़ी डटे तो तय हुआ बीएचयू जाना

बास्केटबाल छात्राओं की टीम और वॉलीबाल स्टूडेंट्स की टीम को बीएचयू में हो रही इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्प्टीशन में जाने को लेकर यूनिवर्सिटी का रुख स्पष्ट नहीं होने से सभी

खिलाड़ी नाराज होकर प्रशासनिक भवन पहुंच गए। जद्दोजहद के बाद ओएसडी से मिलकर बताया कि बीएचयू में 26 दिसम्बर से ही कॉम्प्टीशन शुरू होनी है। इसके लिए यूनिवर्सिटी

की टीम भी चयनित कर ली गई, लेकिन भेजा नहीं जा रहा है। ओएसडी ने तत्काल उन्हें कुलसचिव से मिलने के लिए कहा। कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद ने आश्वासन दिया कि दोनों

टीमें फिलहाल अपने खर्चे से बीएचयू जाएं, उनका खर्चा वापस आने पर दे दिया जाएगा। टीम मैनेजर भी टीम के साथ जाएंगे। कुलसचिव के आश्वासन पर खिलाड़ी वापस लौटे। अब

बास्केटबाल टीम 26 को तथा वॉलीबाल टीम 27 को वाराणसी जाएगी। इस दौरान बास्केटबाल की कविता यादव, श्रेया त्रिपाठी, मधु लेखा, स्नेहलता, निकिता थापा, अंचिता अंजनी व

वॉलीबाल के अभिषेक, विशाल, नीतीश, यशपाल, अंकित आदि सभी खिलाड़ी मौजूद रहे।

छात्रसंघ बहाल करने के लिए मिले छात्रनेता

छात्र नेताओं ने भी ओएसडी से मुलाकात कर आठ सूत्री ज्ञापन सौंपा। छात्र संघ बहाल किए जाने, सीबीसीएस प्रणाली अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किए जाने, कैंपस, छात्रावासों की

व्यवस्था दुरुस्त किए जाने, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की कई महीने से रुकी हुई सैलरी दिए जाने और प्रो। कमलेश गुप्त का निलंबन वापस लिए जाने की मांग की गई। इसमें शिव

शंकर गौड़, गौरव वर्मा, भास्कर चौधरी, पवन, योगेश, प्रशांत, सतीश चन्द्र, आर्य, ऋषि, मनीष, सुशांत व अरस्तु आदि शामिल थे।