गोरखपुर (ब्यूरो).शहर के एसपी ट्रैफिक डॉ। एमपी सिंह का कहना है कि सरकारी एंबुलेंस से आने वाले प्रत्येक क्रिटिकल पेशेंट को ग्रीन कॉरीडोर की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इसके लिए समय से सूचना जरूरी है। यह सूचना एंबुलेंस के पॉयलट या ईएमटी या अन्य स्टॉफ अथवा प्रबंधक की तरफ से वॉट्सएप व मोबाइल कॉल के जरिए आती है। क्रिटिकल मामलों में निजी साधन की तुलना में एंबुलेंस से आना ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि एंबुलेंस में एक तो त्वरित प्राथमिक चिकित्सा शुरू हो जाती है और दूसरी तरफ ट्रैफिक पुलिस भी एंबुलेंस को पास करवाने में वरीयता देती है ।
कुल 96 एंबुलेंस हैं
प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि जिले में 108 नंबर की कुल 46 एंबुलेंस हैं, जबकि 102 नंबर की 50 एंबुलेंस हैं। किसी की दुर्घटना, मेडिकल इमर्जेंसी की स्थिति में 108 नंबर को कॉल करना है, जबकि गर्भवती व दो साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत होने पर 102 नंबर पर कॉल करना है। दोनों सुविधा नि:शुल्क है। ग्रीन कॉरिडोर सिर्फ अति गंभीर पेशेंट्स के लिए बनता है।