गोरखपुर (ब्यूरो)। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि जिन हज यात्रियों ने 2,01,000 रुपया जमा कर दिया है, वह शेष धनराशि 31 मई तक हज कमेटी आफ इंडिया मुम्बई के स्टेट बैंक आफ इंडिया में संचालित खाता संख्या 38415930637 व यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाता संख्या 318702010406009 में या ऑनलाइन वेबसाइट 222.द्धड्डद्भष्शद्वद्वद्गह्लह्लद्गद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ या 222.द्धड्डद्भष्शद्वद्वद्बह्लह्लद्गद्ग.ष्शद्व पर जमा कर सकते हैं। वेबसाइट पर प्रिंटेड चालान भी जनरेट हो जाएगा।

कुर्बानी के लिए अलग से जमा होगा पैसा

इम्बारकेशन स्थल दिल्ली के लिए कुल धनराशि 388800 रुपया तथा लखनऊ के लिए कुल धनराशि 390350 रूपया निर्धारित है, कुर्बानी/अदाही को छोड़कर। हज कमेटी के अनुसार इंडियन डेवलपमेंट बैंक के कुर्बानी कूपन का विकल्प चुनने वाले यात्रियों को 16,747 रुपया अलग से जमा करना होगा। शिया हज यात्री, जिन्होंने जोहफा कैटेगरी चुनी है, उन्हें 3,209 रुपए अलग से जमा करने होंगे.उन्होंने बताया कि धनराशि जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई है, इसे बढ़ाया नही जाएगा। इस बार जिले से करीब 144 हज यात्री लखनऊ एयरपोर्ट से हज के लिए उड़ान भरेंगे। हज यात्रा 2022 के लिए फ्लाइट शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। हज यात्रियों की हज के पाक सफर पर रवानगी छह जून को होगी। आखिरी उड़ान 17 जून को भरी जाएगी। हज यात्रियों की वापसी 15 जुलाई से शुरू होगी। वापसी की आखिरी उड़ान 28 जुलाई भरी जाएगी।

थ्रीडी एनिमेटेड वीडियो के जरिए दी गई हज ट्रेनिंग

मियां साहब इमामबाड़ा परिसर मियां बाजार में रविवार को तहरीक दावते इस्लामी हिंद की ओर से हज ट्रेनिंग के दूसरे चरण का आयोजन हुआ। थ्रीडी एनिमेटेड वीडियो, एलईडी व लैपटॉप के जरिए हज का प्रैक्टिकल तरीका व मुकद्दस मकामात को दिखाकर हज यात्रियों को ट्रेनिंग दी गई। इसमें एहराम पहनना, मक्का व मदीना शरीफ में इबादत, जियारत व ठहरने का तरीका, हज के फरायज, हज के पांच अहम दिन व हज का अमली तरीका बताया गया। हज यात्रियों ने हज के अरकान की बारीकियां सीखीं। हज यात्रियों को घर से रवाना होने से लेकर लौटकर आने तक के मसलों और आने वाली समस्याओं और उनके हल के बारे में जानकारी दी गई। महिलाओं के मसलों पर चर्चा हुई। फाइनल हज ट्रेनिंग 2 को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक परिसर में दी जाएगी। सवालो जवाब का भी सिलसिला चला। ट्रेनिंग का आगाज कुरआन-ए-पाक की तिलावत से मौलाना रजाउल मुस्तफा मदनी ने किया। आदिल अत्तारी ने नात-ए-पाक पेश की। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर अमनो सलामती की दुआ मांगी गई। मुख्तार अहमद कुरैशी, जुबैदा खातून, वसीउल्लाह अत्तारी, शहजाद अत्तारी, मो। फरहान अत्तारी, कारी रियाजुद्दीन, नेहाल अहमद, शम्स तबरेज अत्तारी, मो। मोहसिन अत्तारी आदि ने शिरकत की।