गोरखपुर (ब्यूरो).उत्तर प्रदेश क्लाइमेट चेंज एक्शन प्लान के तहत हुए सर्वे में पर्यावरण की दृष्टि प्रदेश के 27 जिले अति संवेदनशील की श्रेणी में पाए गए हैं। संवेदनशील जिलों में पर्यावरण संतुलन कायम रखने के लिए वर्षाकाल पौधरोपण के अलावा सभी ग्राम पंचायतों में हरिशंकरी पौधरोपण का निर्देश दिया गया है। बता दें, पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि पीपल में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास होता है। बरगद की शाखाओं में भगवान विष्णु का निवास होता है। बरगद सदाहरित विशालकाय छाया वृक्ष है। पाकड़ का वृक्ष भी देवताओं की ओर से संरक्षित माना जाता है।

15 अगस्त तक लगाने का लक्ष्य

हेरिटेज फाउंडेशन गोरखपुर संरक्षिका डॉ। अनिता अग्रवल कहती हैं कि हरिशंकरी समूह में शामिल वृक्षों को सर्वाधिक ऑक्सीजन उत्पादक व छायादार माना जाता है। यही वजह है कि विश्व पर्यावरण दिवस पर भी बड़े पैमाने पर हरिशंकरी का रोपण किया गया। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी अक्सर हरिशंकरी का ही रोपण करते हैं। गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव का कहना है कि शासन की तरफ से तय समय सीमा 15 अगस्त तक जिले में 75 स्थानों पर हरिशंकरी वाटिका लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। सोमवार से शुरू इस कार्य में नागरिक भी पूरे उत्साह से जुड़ रहे हैं। पौधों के संरक्षण के लिए विभाग खुद ध्यान देने के साथ ही नागरिकों को भी जागरुक करेगा।