गोरखपुर (ब्यूरो).यह वायरस आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता हैै। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के काटने पर भी यह संक्रमण हो सकता है। अगर किसी भी पेशेंट में इस तरह का कोई लक्षण पाया जाता है तो उसके सैपल को पुणे स्थित वॉयरोलॉजी लैब में भेजा जाएगा।

डॉक्टर्स की हुई ट्रेनिंग

मंकी पॉक्स को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट ने अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग भी कराई जा चुकी है। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि एयरपोर्ट पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। वहीं, सभी डॉक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वह इस पर नजर बनाए रखें। हालांकि केरल में ही मंकी पॉक्स के तीन केस की पुष्टि हुई है। अभी यूपी में इस तरह के केस सामने नहीं आए हैं। इसके बावजूद भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। वहीं, सभी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

क्या है मंकी पॉक्स वायरस

मंकी पॉक्स स्मालपॉक्स की तरह ही एक वायरस इंफेक्शन है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अबर कोई जनवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकी पॉक्स हो जाए। यह देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाता है, जिससे दूसरे को ये बीमारी न फैले। फेस मास्क का इस्तेमाल और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

मंकी पॉक्स के लक्षण

-पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने

-निमोनिया तेज सिरदर्द

-मांसपेशियों में दर्द

- ठंड लगना

- अत्यधिक थकान तेज बुखार

- शरीर में सूजन

- एनर्जी में कमी होना

- स्किन में लाल चकत्ते के साथ घाव बनना

मंकी पॉक्स के भारत में तीन केस की पुष्टि हुई है। इसलिए सरकार ने सतर्कता बरतते हुए मंकी पॉक्स के लिए अलग वार्ड रिजर्व किए गए हैं। साथ ही मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। उनके लिए जिला अस्पताल में 10 बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो-दो बेड रिजर्व किए गए है।

- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ