- दूसरे शहरों से आकर लोग नहीं दे रहे हैं जिम्मेदारों को सूचना
- आशा और एएनएम कर चुकी हैं सर्वे
- बढ़ रही है मोहल्लेवालों की मुसीबत, लेकिन नहीं कर पा रहे हैं शिकायत
- इसकी वजह से बढ़ सकता है इन्फेक्शन का खतरा
GORAKHPUR: कोरोना की चेन रोकने के लिए तरह-तरह की कवायदें चल रही हैं। जहां सोशल डिसटेंस मेनटेन करने की कोशिश की जा रही है, वहीं शहर के एंट्री प्वॉइंट पर पैसेंजर्स को रोककर उनकी जांच के बाद ही आने की इजाजत दी जा रही है। इन सबके बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो जगह-जगह जांच में लगे जिम्मेदारों की आंखों में धूल झोंककर अपने घरों को पहुंच जा रहे हैं और कोरोना की चेन को ब्रेक कर अपने साथ ही अपने फैमिली मेंबर्स और शहरवालों की जान खतरे में डाल दे रहे हैं। इसलिाए अगर आपके आसपास भी कोई ऐसा व्यक्ति है, जो गोरखपुर के अलावा किसी और शहर से वापस लौटा है और अब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम उसकी जांच के लिए नहीं पहुंच सकी है, तो ऐसे लोगों की इंफॉर्मेशन तत्काल कंट्रोल रूम को दें, जिससे कि जरूरी अहतियात बरती जा सके और कोरोना की चेन आगे न बढ़ पाए।
दो दिन में गोरखपुर पहुंचे हैं हजारों लोग
गोरखपुर में पिछले दो दिनों में हजारों लोगों ने शहर में एंट्री की है। सोमवार को दोपहर 12 बजे तक करीब छह बसों से सैकड़ों लोग गोरखपुर पहुंचे। इसमें जहां कुछ लोगों ने नौसड़ पर हो रही थर्मल स्कैनिंग कराकर एंट्री ली है, तो वहीं कुछ ऐसे हैं, जो वहां मौजूद लोगों को चकमा देकर शहर में एंट्री करने में कामयाब हो गए हैं। इसमें से कुछ लोग तो इंडिया के डिफरेंट सिटीज से गोरखपुर पहुंचे हैं, इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जो फॉरेन कंट्रीज से किसी दूसरे शहर पहुंचे थे और वहीं फंस गए थे। ऐसे लोगों में अगर पॉजिटिव सिंप्टम्स मिलते हैं और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना नहीं मिलती है तो यह सबके लिए खतरानाक हो सकता है।
आशा एएनएम कर चुकी हैं सर्वे
विदेश से आने वालों की स्कैनिंग और दूसरी जरूरी जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले ही कर चुकी है। इसके लिए आशा और एएनएम घर-घर जाकर लोगों के बारे में जानकारी भी कर चुकी हैं और यह भी जान चुकी हैं कि कहीं कोई बाहर से तो नहीं आया है, लेकिन पिछले दो दिनों से लोगों के आने का सिलसिला फिर से शुरू हुआ है, ऐसे में कितने लोग गोरखपुर पहुंचकर कहां गए हैं, इसकी जानकारी हासिल करना टेढ़ी खीर है। ऐसे में अब आसपास के लोग ही चेनब्रेकर बन सकते हैं और वह अगर आने वालों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दें, तो इससे न सिर्फ आने वालों की स्कैनिंग हो सकेगी, बल्कि लोगों को बचाया जा सकता है।
डरे नहीं बल्कि दें इंफॉर्मेशन
गोरखपुर में अब भी कई ऐसे लोग हैं, जिनकी सूचना आसपास के लोगों को है, लेकिन कट-सी में वह इसकी सूचना जिम्मदारों तक नहीं पहुंचा रहे हैं। मगर ऐसा करके वह रिलेशन तो निभा ले रहे हैं, लेकिन अपनों के साथ ही दूसरों की जिंदगी से खेल रहे हैं। वहीं जो लोग पिछले कुछ दिनों में गोरखपुर लौटे हों, चाहे वह कहीं से भी आए हों, अगर उन्हें खुद में कोई सिंप्टम्स नजर आते हैं, तो तत्काल जांच कराएं, जिससे कि एडवर्स कंडीशन में उनका प्रॉपर इलाज हो सके।
हेल्पलाइन नंबर्स
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