गोरखपुर (ब्यूरो).दिल्ली, मुंबई, सूरत, बैैंग्लोर आदि शहरों में जाने वाली लांग रूट्स की ट्रेनों में टिकटों को लेकर मारामारी मची रहती है। वहीं ई-टिकट के दलाल भी जरुरतमंद यात्रियों से मोटी रकम वसूलकर जेब गरम करते हैैं, ऐसे में इन ई-टिकटों के दलालों को पकडऩे के लिए सीआईबी की टीम लगातार अपना काम कर रही है। गोरखपुर सीआईबी प्रभारी दशरथ प्रसाद पिछले कई दिनों से इस बात की सूचना मिल रही थी कि एक टिकट दलाल ज्वेलरी की दुकान में ई-टिकटों का अवैध कारोबार करता है। जब सीआईबी टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रणय कुमार, हेड कांस्टेबल श्रीराम को साथ ले गई तो ब्लॉक रोड थाना रिसिया बहराइच का रहने वाला हिकमत यार पुत्र एयाज अहमद को ज्वेलरी शॉप से धर दबोचा।

इल्लीगल सॉफ्टवेयर का करता था इस्तेमाल

सीआईबी इंस्पेक्टर दशरथ प्रसाद ने बताया कि वह इल्लीगल सॉफ्वेयर कोविड-19 का प्रयोग कर आईआरसीटीसी की पर्सनल यूजर आईडी से तत्काल ई-टिकट बनाता था, जो किराए के अतिरिक्त 400 से 500 रुपए प्रति टिकट वसूलता था। इल्लीगल सॉफ्टवेयर के पैनल सेलर के तहत सॉफ्टवेयर को प्रति महीना 2000 रुपए लेकर ऑनलाइन बेचता था। पकड़े गए टिकट दलाल के पास से 27 पर्सनल आईडी पाई गई। इसके साथ पांच तत्काल-प्रीमियम तत्काल ई-टिकट जिसकी कीमत 9995.80 रुपए के साथ-साथ लैपटॉप, दो मोबाइल व 4900 नगद रुपए बरामद किया गया।

ये हैैं प्रतिबंधित साफ्टवेयर

- कोविड-19

- सीपीआरओ (गुड टिगर)

- नेक्सस (एमटी सेलर)

- ब्लैक टिगर

- टीपीआरओ (कोरोना)