डॉ. दीपक कोहली (डेप्यूटी सेक्रेटरी, वन एवं पर्यावरण विभाग, उत्तर प्रदेश)डार्क वेब की साइट्स को टॉर (द अनियन राउटर) एन्क्रिप्शन टूल की मदद से छिपा दिया जाता है, जिससे इन तक सामान्य सर्च इंजन से नहीं पहुंचा जा सकता। इन तक पहुंच बनाने के लिए एक विशेष टूल टॉर का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसमें एकल असुरक्षित सर्वर के विपरीत नोड्स के एक नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए परत-दर-परत डेटा का एन्क्रिप्शन होता है, जिससे इसके यूजर्स की गोपनीयता बनी रहती है।

खुले समाज के व्यक्तियों को भी डार्क नेट इस्तेमाल में हो सकता है इंटरेस्ट

सेंसरशिप से बचाव के लिए बंद समाज सबसे ज्यादा नियंत्रण या सेंसरशिप का सामना कर रहे लोग डार्क नेट का इस्तेमाल अपने समाज से बाहर के दूसरे इंसानों के साथ कम्यूनिकेशन के लिए कर सकते हैं। ग्लोबल लेवल पर विभिन्न देशों में सरकार द्वारा जासूसी और डेटा संग्रह के बारे में बढ़ रही अनियमितताओं के कारण खुले समाज के व्यक्तियों को भी डार्क नेट के इस्तेमाल में इंटरेस्ट हो सकता है। यह मुखबिरों और पत्रकारों के लिए संचार में गोपनीयता बनाए रखने तथा जानकारी लीक करने एवं स्थानांतरित करने के लिए उपयोगी है। डार्क वेब पर संचालित एक्टिविटीज का एक बड़ा भाग अवैध है।

डार्क नेट एक ब्लैक मार्केट है, जहां संचालित होती हैं अवैध गतिविधियां

डार्क नेट एक लेवल की पहचान सुरक्षा प्रदान करता है, जो कि नॉर्मल नेट प्रदान नहीं करता है। डार्क नेट एक ब्लैक मार्केट की तरह है, जहां अवैध गतिविधियां संचालित होती हैं। पिछले दिनों क्रिमिनल्स किसी की नजर में आने और पकड़े जाने से बचने के लिए अपनी पहचान छिपाने के मकसद से डार्क नेट की ओर बड़ी तादाद में अट्रैक्ट हुए हैं, इसलिए इस बात में हैरानी नहीं है कि कई चर्चित हैक और डेटा उल्लंघनों के मामले किसी-न-किसी तरह से डार्क नेट से संबद्ध पाए गए हैं। डार्क नेट की सापेक्ष अभेद्यता ने इसे ड्रग डीलर्स, हथियार तस्करों, चाइल्ड पोर्नोग्राफी संग्रहकर्ताओं के लिए एक प्रमुख जरिया बना दिया है।

सिल्क रोड मार्केटप्लेस नामक वेबसाइट डार्क नेटवर्क का फेमस एग्जाम्पल

यदि संभावित क्रेता की डार्क नेट पर ऐसी वेबसाइट्स तक पहुंच हो जाए तो इनके माध्यम से विलुप्तप्राय वन्यजीव से लेकर विस्फोटक सामग्री एवं किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों की खरीद की जा सकती है। सिल्क रोड मार्केटप्लेस नामक वेबसाइट डार्क नेटवर्क का एक फेमस एग्जाम्पल है, जिस पर हथियारों सहित अलग-अलग तरह की अवैध वस्तुओं की खरीद एवं बिक्री की जाती थी। हालांकि इसे 2013 में सरकार द्वारा बंद करा दिया गया, पर इसने ऐसे कई अन्य बाजारों के उभार को इंस्पायर्ड किया। सक्रियतावादियों और क्रांतिकारियों द्वारा डार्क नेट का इस्तेमाल अपने संगठन के लिए किया जाता है, जहां सरकार द्वारा उनकी गतिविधियों की निगरानी या उन्हें पकड़ेे जाने का डर कम होता है।

विस्फोटकों एवं हथियारों की अवैध खरीद के लिए भी डार्क नेट का इस्तेमाल

आतंकवादियों द्वारा डार्क नेट का इस्तेमाल साथी आतंकवादियों तक सूचनाओं के प्रसार, उनकी भर्ती और उनमें कट्टरता का प्रसार, अपने आतंकी विचारों के प्रचार-प्रसार, धन जुटाने व अपने कार्यों व हमलों के समन्वय के लिए किया जाता है। आतंकवादी बिटक्वाइन व अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी मुद्राओं का इस्तेमाल करके विस्फोटक पदार्थों एवं हथियारों की अवैध खरीद के लिए भी डार्क नेट का इस्तेमाल करते हैं। सिक्योरिटी एक्सपट्र्स का दावा है कि हैकिंग और धोखेबाजी में शामिल व्यक्ति डार्क वेब पर चर्चा मंचों के जरिए पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण और औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली तक पहुंच की पेशकश करने लगे हैं, जो दुनियाभर के अहम अवसंरचनात्मक नेटवर्कों की सेफ्टी के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है।

डेली इंटरनेट यूजर्स के लिए भी डार्क नेट नॉर्मल रूप से हो सकता है उपलब्ध

वित्तीय क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती इंपॉर्टेंस को देखते हुए यह पॉसिबल है कि फ्यूचर में डेली इंटरनेट यूजर्स के लिए भी डार्क नेट नॉर्मल रूप से उपलब्ध हो जाएगा। वहीं अपराधियों के लिए पहचान और गतिविधियों को गुप्त रखने का जरिया होने के साथ यहां पूर्ण गोपनीयता की गारंटी नहीं है। डार्क नेट द्वारा पैदा खतरों से निपटने के लिए दुनियाभर की सरकारों को अपने साइबर सेफ्टी ढांचे को मजबूत करना चाहिए और दुनियाभर के साइबर स्पेस की सेफ्टी के लिए सरकारों को खुफिया जानकारी, सूचना, तकनीकी और अनुभवों को साझा करते हुए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। इस क्रम में भारत को साइबर सेफ्टी की फील्ड में अनुसंधान एवं विकास और कर्मियों के प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण पर पर्याप्त निवेश करना चाहिए।

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