गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसी तीखी धूप और उमस भरी गर्मी आपको बीमार कर सकती है। इस गर्मी में आपको स्किन बर्न, कमजोरी, डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है। लिहाजा ऐसे में दोपहर 12 से 3 बजे तक धूप में निकलने से बचें और जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण की अपील के अनुसार ट्रैफिक पुलिस को भी सिग्नल की टाइमिंग कम करनी चाहिए।

हीट सिंड्रोम और हीट स्ट्रोक होने की आशंका

इन दिनों मौसम अचानक बदल गया है। इसलिए जरूरी है कि ज्यादा देर तक सीधी धूप में न रहें। इससे हीट सिंड्रोम और हीट स्ट्रोक दोनों की समस्याएं हो सकती है। ज्यादा देर धूप में रहने से शरीर का पानी कम हो जाता है, जिससे कई तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिला अस्पताल के सीनियर फिजीशियन डॉ। बीके सुमन ने बताया, चिलचिलाती धूप में ज्यादा देर रुकने से आप को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा टेम्प्रेचर में स्किन बर्न, डिहाइड्रेशन, बेहोशी, शरीर में कमजोरी, सिर दर्द, सर्दी-जुकाम, डायरिया और ब्लड प्रेशर के ग्रसित लोगों को प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए जब भी धूप में निकलना हो तो सिर, आंख ढक कर और पर्याप्त पानी साथ लेकर निकलें।

एडमिट करने पड़ रहे पेशेंट

पिछले कुछ दिनों से पड़ी रही गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। धूप को लेकर डॉक्टर्स लोगों को अलर्ट कर रहे हैं। क्योंकि अस्पताल के इमरजेंसी में 15 से 20 परसेंट मरीज हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और 20 से 30 मरीज डायरिया के पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ। राजेश कुमार ने बताया कि इस मौसम में ऐसे मरीजों को एक दो दिन के लिए भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।

दिमाग और किडनी पर होता असर

जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ। राजेश कुमार ने कहा, जब शरीर का तापमान 104 फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंच जाता है। ऐसे में बढ़े हुए तापमान को अगर समय रहते संतुलित नहीं किया जाए तो यह दिमाग और किडनी पर असर डालता है। जो मौत का कारण बनता है। हीट स्ट्रोक के अलावा धूप से संबंधित कई बीमारी की चपेट में आकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।

इस तरह रखें सावधानी

भरपूर मात्रा में पानी पीएं।

पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें।

धूप के चश्मे, छाता, टोपी, चप्पल का इस्तेमाल करें।

खुले में कार्य करने वाले सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़ों से ढके रहे व छाते का प्रयोग करें।

लू प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटा कर सूती गीले कपड़े से पोछें अथवा नहलाएं व डॉक्टर से संपर्क करें।

यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें।

ओआरएस, घर में बने पेय पदार्थ लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

यदि हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और डायरिया के लक्षण मिले तो तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें।

यह न करें

- बच्चों को कभी भी बंद व खड़ी गाडिय़ों में अकेले न छोड़ें।

- तेज धूप में जरूरत पड़े, तभी घर से बाहर निकलें।

- दोपहर 12 से तीन बजे के बीच धूप में जाने से बचें।

- गहरे रंग के भारी और तंग कपड़े न पहनें।

- अधिक प्रोटीनयुक्त, बासी व संक्रमित खाद्य एवं पेय पदार्थो का सेवन न करें

- अल्कोहल, चाय या कॉफी पीने से परहेज करें।