गोरखपुर (ब्यूरो) । डिपार्टमेंट्स की खींचतान में बसों का बीमा नहीं हो पा रहा है। सिटी इलेक्ट्रिक बस संचसालन समिति बीमा नहीं करा रही। उधर, नगर निगम का कहना है कि वह बीमा के लिए अधिकृत नहीं है। हालांकि इलेक्ट्रिक बस संचालक समिति की ओर से लखनऊ निदेशालय को दोनों बसों के बीमा के मद करीब ढाई लाख का प्रपोजल बनाकर भेजा है। तीन बार पत्र भी लिखा जा चुका है लेकिन अब तक बात नहीं बनी है।

27 सितंबर को दिखाई थी हरी झंडी

बताते चलें कि 27 सितंबर को पर्यटन दिवस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में टूरिस्ट बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। टूरिस्ट स्थलों का सैर कराने के लिए यह बसें सात मई, 2022 को मिलीं थीं। 2.92 करोड़ की लागत से 36 सीट वाली दो टूरिस्ट इलेक्ट्रिक बसें दिसंबर तक तो महेसरा डिपो से बाहर नहीं निकल सकी हैं।

खिचड़ी मेले में दोनों बसों का हुआ था ट्रायल

खिचड़ी मेला के दौरान दोनों टूरिस्ट बसों का ट्रायल किया गया। ट्रायल के बाद दोनों बसें फिर महेसरा डिपो में खड़ी कर दी गई। मेनटेनेंस के बाद सिटी इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने पर्यठक बसों को गोरखपुर से कुशीनगर, मगर और चौरीचौरा तक चलाने का प्रपोजल तैयार किया था, लेकिन न बसों का बीमा हो रहा है और न बसें चल पा रही। गोरखपुराइट्स इन बसों के चलने का इंतजार कर रहे हैं। सिटी के विभिन्न रूटों पर 25 इलेक्ट्रिक बसें चल रही है। जबकि कुल 100 बस चलाने की स्कीम है।

टूरिस्ट इलेक्ट्रिक बसों का बीमा कराने के लिए निदेशालय से बजट की डिमांड की गई है। इसके लिए प्रपोजल भी भेज दिया गया है। बजट मिलते ही बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

- लव कुमार सिंह, कार्यपालक अधिकारी, इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति