GORAKHPUR : हर ओर योगा का शोर है। सभी इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इन सबके बीच बच्चों के मन में उनके चहेते पापा की सेहत का भी ख्याल उमड़ने लगा है। योगा से अपने पापा की सेहत दुरुस्त कराने के लिए बच्चों को पापा के ही खास दिन यानि कि फादर्स डे पर उन्हें योगा की बारिकियां सीखने के लिए मोटीवेट करने में जुट गए हैं। स्ट्रेस, बीपी, सुगर और कमरदर्द जैसी कई बीमारियों से घिरे फादर्स के लिए योगा किस कदर फायदेमंद है और उससे फिजिकली और मेडिकली क्या फायदे हैं, इसको लेकर आई नेक्स्ट ने पड़ताल की। इसमें कई बातें सामने आई जिससे कि पापा की सेहत बेहतर रहेगी और वह बीमारियों से लड़ने के लिए हरदम तैयार रहेंगे।

कई बीमारियों से घिरे हैं 'पापा'

भागती दौड़ती जिंदगी और अनहेल्दी लाइफ स्टाइल गोरखपुराइट्स को बीमार करती जा रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि डॉक्टर्स के यहां आने वाले पेशेंट्स के आंकड़े बयां कर रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो इन दिनों 10 साल पहले के मुकाबले अब कई गुना ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें स्ट्रेस, ब्लडप्रेशर, सुगर, कमरदर्द जैसी कॉमन प्रॉब्लम है। इसमें भी डाइबिटीज और हाइपरटेंशन केमरीजों की तादाद ज्यादा हैं।

डेली रूटीन लाइफ में हो रही हैं यह बीमारियां -

पेशेंट्स की तादाद

बीमारी दस साल पहले अब

- स्ट्रेस 30-50 100-200

- कमर दर्द 20-25 85-90

- डाइबिटिस 5-10 100-125

- ब्लड प्रेशर 20-30 75-80

- हर्ट प्रॉब्लम 2=4 20-25

- थायराइड 2-5 50-70

- अस्थमा 5-10 110-125

- स्टमक 20-25 85-100

- क्रोनिक प्रॉब्लम 10-20 50-60

- कब्ज 20-25 100-125

- आर्थाराइटिस 15-20 50-60

इसमें 75-80 परसेंट मेल और 20-25 परसेंट फीमेल हैं।

दर्द दूर करे योगा

योग दर्द को दूर करने में काफी मददगार साबित हो सकता है। योगा ट्रेनर अश्रि्वनी कुमार की मानें तो यह सांस और स्ट्रेचिंग के जरिए बॉडी में कई तरह के प्वाइजनस एलिमेंट्स का सही बैलेंस बनाने का काम करता है। इसमें ब्लड भी शामिल है, जो आमतौर पर बॉडी में जरूरी पोषक तत्व पहुंचाने और टॉक्सिन को हटाने का काम करता है। योगासनों और ब्रीथिंग टेक्नीक के जरिए बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होगा। अगर बॉडी में प्रॉपर ब्लड सर्कुलेशन होगा तो पूरी बॉडी आसानी से ऑक्सीजन पहुंचेगा। एक बार बॉडी के सर्कुलेशन सिस्टम में सुधार आ जाए, तो बॉडी में सूजन कम हो जाता है।

- बॉडी का बढ़ाता है लचीलापन

- कॉन्संट्रेशन बढ़ाने में भी हेल्पफुल

- दिल का भी रखे ख्याल

- योग से घटायें वजन

- मन को रखे शांत

किन बीमारियों में कौन सा आसन -

मोटापा - आंजनेय आसन, वज्रासन, मंडूकासन, उत्तानमंडूसकासन, उत्तानकूर्मासन, उष्ट्रासन, चक्रासन, उत्तानपादासन, सवार्गांसन व धनुरासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, कटिचक्रासन, कोणासन, उध्र्वाहस्तोहत्तातनासन और पद्मासन।

कमर और पेट की चर्बी घटाने के लिए - कटि चक्रासन,तोलांगुलासन, वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पादस्तासन, आंजनेय आसन और वीरभद्रासन।

कमर दर्द - मकरासन, भुजंगासन, हलासन और अर्ध-मत्स्येन्द्रासन।

कब्ज - वज्रासन, सुप्तवज्रासन, मयूरासन, पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन मत्स्यासन, कूर्मासन, चक्रासन, योगा मुद्रा और अग्रिसार क्रिया।

झड़ते बाल - वज्रासन केबाद कुर्मासन करें, फिर उष्ट्रासन करें। पवनमुक्तासन के बाद मत्स्यासन करें फिर कुछ देर आराम करने के बाद शीर्षासन करें। थोड़ा आराम के बाद शीर्षासन करें। आसनों को करने के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायम करें और फिर पांच मिनट का ध्यान करें।

योगा के लिए 45 मिनट सफीशियंट

योगा करने के लिए 45 मिनट का वक्त काफी है। इसमें अगर योगा करने वाला थोड़ा और टाइम देना चाहता है, तो वह 20 मिनट और वक्त दे सकता है। इससे ज्यादा वक्त देने से कोई खास फायदा नहीं मिलेगा। योगा ट्रेनर अश्रि्वनी कुमार की मानें तो योगा करने के लिए सबसे कनवीनियंट टाइम मार्निग है। इसमें भी खुले मैदान में किया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होगा। इसमें भी मैदान में डायरेक्टली जमीन में बैठने के बजाए चटाई या कंबल भी बिछा लें। वह इसलिए कि योगा के दौरान बॉडी से ऊर्जा निकलती है, वह नीचे की ओर जाती है। चटाई या कंबल बैड कंडक्टर ऑफ एनर्जी हैं, इसलिए वह एनर्जी को जमीन में नहीं जाने देते और वह वापस बॉडी में लौट आती है।

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गोरखपुराइट्स है काफी अवेयर

योगा को लेकर गोरखपुराइट्स में कोई जानकारी नहीं है यह लोगों की गलत सोच है। योगा को लेकर गोरखपुर में कई यूनिट्स एक्टिव है, जहां योगा की बारीकियां सिखाई जाती हैं। इसमें गोरखपुर यूनिवर्सिटी के योगा अध्ययन केंद्र के अलावा पतंजलि योगा पीठ, आर्ट ऑफ लिविंग के मेंबर्स के साथ एक दर्जन से ज्यादा संस्थाए एक्टिव है और लोगों को योगा की ट्रेनिंग दे रही हैं।

किसी एक्सपर्ट की जरूरत नहीं

योगा करते वक्त एक्सपर्ट साथ रहे, इसकी जरूरत नहीं है। आजकल हाईटेक एरा है और हाईटेक गैजेट्स सभी के हाथों में है। योगा करने की चाह रखने वाले लोग अपने गैजेट्स का इस्तेमाल कर भी योगा की बारीकियां सीख सकते हैं। वेब व‌र्ल्ड में इन दिनों दर्जनों एप और वेबसाइट्स मौजूद हैं, जिनके थ्रू ऑडियो, विजुअल और लाइव स्ट्रीम की हेल्प से योगा सीख सकते हैं।

योगा की हेल्प से बीमारियां खत्म तो नहीं होती, हां काफी हद तक प्रिवेंट की जा सकती हैं। अगर बच्चा योगा छोटी उम्र से ही योगा स्टार्ट कर दे, तो बाकी बच्चों के मुकाबले उसे कम बीमारियां होंगी। यह प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट है। अगर बीमारी हो गई है, तो इसके लिए दवाओं का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा।

डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन

प्राणायाम इंटरनल बॉडी पा‌र्ट्स के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन लोग सिर्फ एक्टर्नल बॉडी पर ही ध्यान देते हैं। अगर योगा रेग्युलर किया जाए तो इसका निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा।

एसपी सिंह, योगा एक्सपर्ट

योगा के लिए 45 मिनट काफी है। मगर कोई चाहे तो उसपर 20 मिनट और वक्त दे सकता है। इससे ज्यादा समय वेस्ट करने से कोई फायदा नहीं होगा। वहीं योगाभ्यास खाली पेट किया जाए तो काफी फायदा होगा।

अश्रि्वनी कुमार, योगा ट्रेनर

इन दिनों स्ट्रेस, हाईपरटेंशन, डाइबिटीज जैसी बीमारियों के पेशेंट्स काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। पहले जहां 2 लाख रुपए पर डे की सेल होती थी, वहीं इन ड्रग्स का आंकड़ा 20 लाख रुपए पर डे तक पहुंच चुका है। इसमें सबसे ज्यादा बीपी और डाइबिटीज की दवाइयों की डिमांड है।

अवनीश चंद श्रीवास्तव, ड्रग होलसेलर