- सिटी में संचालित 24 परसेंट एम्बुलेंस को चाहिए ट्रीटमेंट

- आरटीओ से बार-बार अनफिट एम्बुलेंस मालिक को भेजता है नोटिस, नहीं आता जवाब

GORAKHPUR:

यह अलर्ट पेशेंट और उनके अटेंडेंट के लिए है। गोरखपुर में पेशेंट को लाने और ले जाने के लिए अनफिट एम्बुलेंस फर्राटा भर रही हैं। यह हम नहीं कह रहे। बल्कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के फैक्ट से यह सच सामने आया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की मानें तो जिले में करीब 24 परसेंट एम्बुलेंस अनफिट हैं। एम्बुलेंस के मेंटेनेंस को लेकर लगातार लापरवाही बरती जा रही है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के इन फैक्ट का जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन किया तो कई और फैक्ट सामने आए। बताया गया है कि ज्यादातर एम्बुलेंस प्राइवेट हैं। इसके लिए आरटीओ बराबर एम्बुलेंस ऑपरेटर्स को नोटिस देते हैं, लेकिन उनकी सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

आरटीओ के मुताबिक वर्ष 2015 और वर्ष 2020 में अधिकांश एम्बुलेंस संचालकों ने एम्बुलेंस का फिटनेस नहीं कराया है। करीब छह साल से ये एम्बुलेंस खुद ही बीमार हैं। बावजूद इसके इन एम्बुलेंस को सड़क पर दौड़ाया जा रहा है। कई एम्बुलेंस ऐसी हैं, जिनका कोरोना काल में ही फिटनेस डेट खत्म हो चुकी है। लेकिन जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं देते। ये पेशेंट की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए आरटीओ को एम्बुलेंस की फिटनेस को लेकर गंभीर होना होगा।

अनफिट एम्बुलेंस प्राइवेट हॉस्पिटल की

आरटीओ रिकॉर्ड के मुताबिक शांति फाउंडेशन के नाम पर एम्बुलेंस रजिस्टर्ड हैं। इतना ही नहीं रामजानकी हॉस्पिटल की एक, सानवी हेल्थ केयर सेंटर की एक, जय हॉस्पिटल की एक एम्बुलेंस की पिछले छह साल से फिटनेस नहीं हुई है। एआरटीओ श्याम लाल ने बताया, बिना फिटनेस के सड़क पर एम्बुलेंस चलाना कानून अपराध है। अनफिट एम्बुलेंस के मालिकों को नोटिस जा रही है। इसके बाद एआरटी प्रवर्तन की टीम से बात कर कार्रवाई की तैयारी है।

फैक्ट फीगर

369 एम्बुलेंस आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं।

88 एंबुलेंस बिना फिटनेस की चल रहीं।

ये हैं बिना फिटनेस की एम्बुलेंस

-यूपी 53 ईटी 1499

-यूपी 53 ईटी 2029

-यूपी 53 डीटी 3816

-यूपी 53 डीटी 2242

-यूपी 53 एटी 7366

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केस-1: 21 को खत्म हुई फिटनेस

जिला अस्पताल के बाहर खड़ी एम्बुलेंस यूपी53सीटी8081 का फिटनेस बीती 21 जुलाई को खत्म हो गई। सूत्रों की मानें तो यह एम्बुलेंस जिला अस्पताल से पेशेंट को ले जाती है और लाती भी है।

केस-1: वाहन में नंबर ही नहीं

देवरिया बाइपास रोड स्थित एसबीआई प्रशासनिक कार्यालय के पीछे एक प्राइवेट हॉस्पिटल के पास खड़ी एम्बुलेंस में न आगे और न ही पीछे नंबर प्लेट लगी थी। इससे इस वाहन की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

वर्जन

जिन एम्बुलेंस की फिटनेस की डेट खत्म हो गई है। उन्हें 2020 में ही नोटिस भेज दी गई है। इसके बाद भी रिमाइंडर किया गया है। कोरोना की वजह से सितंबर तक डेट बढ़ाई गई है। यदि इस अवधि में एम्बुलेंस का फिटनेस नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

श्याम लाल, एआरटीओ प्रशासन