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- जितना बकाया पूरे शहर पर, उसका आधा बिल सिर्फ सरकारी विभागों पर
- पथ प्रकाश, पुलिस (कारागार), न्यायालय व जिला प्रशासन पर सबसे अधिक बकाया
GORAKHPUR: बिजली सभी को चाहिए, वह भी समय पर लेकिन जब बात बिल चुकाने की आती है तो क्या पब्लिक, क्या सरकारी विभाग, इससे कन्नी काटने लग जाते हैं। पब्लिक तो फिर भी कनेक्शन कटने व एफआईआर के डर से बिल का भुगतान कर देती है लेकिन सरकारी विभाग करोड़ों का बिल दबाए बैठे हैं। जहां पूरे शहर के लोगों पर 15 करोड़ बकाया है, वहीं कुछ सरकारी विभागों पर ही इसका आधा यानी सात करोड़ का बकाया है। इस तरह बिल वसूली में एड़ी-चोटी का जोर लगा देने के बाद भी बिजली विभाग का कुल 22 करोड़ रुपए बकाया है।
पब्लिक से सख्ती लेकिन विभाग पर मेहरबान
सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का इतना बकाया यूं ही नहीं है। 5 से 10 हजार तक का बिल बकाया होने पर आम पब्लिक की बिजली काट देने वाले विभाग की सरकारी विभागों पर लाखों रुपए बकाया होने के बाद भी उनकी बिजली काटने की हिम्मत नहीं होती। यही नहीं, पब्लिक से वसूली के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है जबकि विभागों को इससे भी मुक्त कर दिया जाता है। अभी जुलाई और अगस्त माह में ही बिल वसूली के लिए विभाग की ओर से अभियान चलाया गया था लेकिन सरकारी बकाएदारों को पूछा तक नहीं गया।
नोटिस देने की हिम्मत नहीं
सरकारी बकाएदारों पर मेहरमानी कहिए या डर कि बिजली विभाग इन पर लाखों रुपए का बकाया होने पर भी हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पाता। सरकारी विभागों पर महानगर विद्युत वितरण निगम के फर्स्ट डिविजन में 4.27 करोड़ बकाया, सेकेंड डिविजन में 37.06 लाख बकाया और थर्ड डिविजन में 196.14 लाख का बकाया है लेकिन इनकी बिजली काटने की बात कौन कहे, इन्हें विभाग की ओर से नोटिस तक नहीं दी गई।
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विभाग बकाया (लाख रुपए)
पथ प्रकाश 158.52
पुलिस (कारागार) 104.47
न्यायालय 100
जिला प्रशासन 95.02
मेडिकल कॉलेज 94.77
जिला अस्पताल 83.50
सहकारी समिति 39
बीएसए कार्यालय 45.21
पीडब्ल्यूडी 33.11
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वर्जन
सरकारी विभागों को जब बिल दिया जाता है तो वह बजट का संकट बताने लगते हैं। इस बार शासन को भी बकाएदारों की सूची भेजी जाएगी, जिससे कि अधिक से अधिक राजस्व वसूली हो सके।
- एके सिंह, एसई,
महानगर विद्युत वितरण निगम