आप साउथ इंडियन है?
-मैैं इंडियन हूं। बंगलुरु से बिलांग करती हूं और दिल्ली में पैदाइश हुई है। इसलिए मैैं इडली सांभर को छोला भटूरा के साथ खाती हूं।

बचपन से क्या बनना चाहती थी?
-मैैं मीडिल क्लास फैमिली से बिलांग करती हूं। मेरे फादर ने मेरी मैरिज 19 साल की एज में कर दी थी। इस कारण मेरी पढ़ाई भी अधिक नहीं हो सकी। अधिक पढ़ाई न होने के कारण मैैंने कभी कुछ बनने को नहीं सोचा। हालांकि कुकिंग का शौक बचपन से था।
मास्टर शेफ तक का सफर कैसा रहा?

-मास्टर शेफ तक पहुंचने के पीछे मेरी बेटी कोमल है। कोमल मुझे मास्टर शेफ के सेट पर देखना चाहती थी। बेटी की इच्छा को पूरी करने के लिए फार्म भर दिया। सोचा था अगर एक बार भी टीवी पर दिखी तो बेटी को अच्छा लगेगा। दिल्ली और एनसीआर से 4500 लोगों ने अप्लाई किया था, जिसमें मेरे अलावा देविका का सेलेक्शन हुआ था।

शेफ बनकर कैसा लगा?
-मेरी लाइफ कंफ्यूजन से भरी थी। 12 साल तक मैैंने एंबेसी में प्राइवेट शेफ के रूप में काम किया। 4 साल पहले हसबैैंड से अलगाव के बाद बेटी की जिम्मेदारी बढ़ गई। मगर इस जॉब से दिक्कत हो रही थी। इसलिए कुकिंग छोड़ एक कंपनी में जॉब कर ली और शेफ के बारे में सोचना भी बंद कर दिया। मगर एक बार फिर बेटी के प्यार ने मास्टर शेफ भेजा और कुकिंग ने नेम फेम दिया।

गोरखपुर कैसा लगा?
-मैैं शेफ हूं। मैंने लगभग पूरे देश घूमा है, मगर मुझे कहीं भी खाने में कंपलीट टेस्ट नहीं मिला। मगर गोरखपुर का खाना टेस्टी है। जो भी देशी डिश बनती है, उनका स्वाद अलग और बेहतर है। इस टाइम मैैं मध्य प्रदेश के एक रिसॉर्ट में शेफ को ट्रेनिंग दे रही हूं। साथ ही कुकिंग क्लास भी देती हूं।

report by : Abhishek Singh