आई नेक्स्ट ने पब्लिश किया था 'धुलाई का महाखेल'

यात्रियों की अक्सर शिकायत रहती थी कि एसी कोच में मिलने वाले बेडरोल से या तो स्मेल आती है या फिर उनपर चाय की स्पॉट लगी रहती है। आई नेक्स्ट ने न्यूज पब्लिश कर यह खुलासा किया था कि आखिरकार यात्रियों को क्यों गंदे बेडरोल दिए जाते हैं। न्यूज पब्लिश होने के बाद रेलवे प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और गोरखपुर स्टेशन के पास जल्द से जल्द मैकेनाइज्ड लांड्री मशीन लगाने का फैसला किया।

एक दिन में 5000 बेडरोल होंगे तैयार

इनॉगरेशन के दौरान रेलवे जीएम ने बताया कि गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों में अब तक लीनेन की धुलाई एवं आपूर्ति का काम बाहर से कराया जाता था, लेकिन अब गोरखपुर की लांड्री मशीन से सप्लाई किए जाएंगे। इससे यात्रियों को साफ-स्वच्छ बेडरोल मिलेंगे। जीएम ने बताया कि इस लांड्री की क्षमता प्रतिदिन 5 टन है। इससे लगभग 5000 बेडरोल पैकेट प्रतिदिन तैयार किए जा सकेंगे। यह मॉडर्न टेक्नोलॉजी से सुसज्जित आटोमैटिक मशीन है। इससे लीनेन धुलाई और सुखाने हेतु मौसम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। आपूर्ति किए जाने वाले लीनेन में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी। इस मौके पर उन्होंने लखनऊ मंडल के लिए एक लाख रुपए और मुख्यालय के लिए पच्चीस हजार रुपए पुरस्कार की घोषणा की।

31 जनवरी को काठगोदाम में होगा उद्घाटन

जीएम ने बताया कि 31 जनवरी को काठगोदाम में और 31 मार्च को मण्डुआडीह में भी मैकेनाइज्ड लांड्री का उद्घाटन किया जाएगा।