गोरखपुर (ब्यूरो)। रोडवेज बसों में बेशक महिलाओं के लिए सीट रिजर्व की गई हो, लेकिन इन पर बैठकर सफर कना महिलाओं के लिए आसान नहीं है। पहले से रिजर्व सीट पर बैठा कोई पुरूष खुद उठकर सीट देता है, तो ही महिलाओं को यह नसीब होती है। अन्यथा भरी बस में उनके लिए खड़े रहकर सफर करना ही मजबूरी है। जबकि कंडक्टर्स को साफ निर्देश है कि वे महिलाओं को ये सीटे दिलाएंगे। लेकिन इसके बाद भी हालत बद से बदतर बनी हुई है।

बढ़ाई गई थी संख्या

कुछ समय पहले सरकार की ओर से राज्य परिवहन निगम की बसों में महिलाओं, दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन के लिए रिजर्व सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी। मगर इसको फॉलो करने वाला कोई नहीं है। रिजर्व सीटों पर पुरूष जमे होते हैं और महिलाएं या तो खड़ी नजर आती है, या फिर पहले से जिस सीट पर सिर्फ महिलाएं ही बैठी है तो थ्री सीटर पर चार की संख्या में बैठकर काम चलाती हैं। लेकिन बसों के अंदर वह पुरूषों से अपनी रिजर्व सीट मांग ही नहीं पा रही हैं। ऐसी स्थिति में कंडक्टर्स को उन्हें सीट दिलाने के निर्देश हैं, लेकिन वे भी इस जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते दिखते हैं।

स्टीकर फटने से हो रही है समस्या

इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने वाहन मालिकों और यूपी परिवहन निगम के अफसरों से बात की तो अफसरों ने कहा कि बसों में जो सिट आरक्षण के लिए स्टीकर लगाया गया था। इसके फटने की वजह से सामान्य यात्री आरक्षित सिट पर बैठ जाते है। इसे जल्द ही सही करा लिया जाएगा। दिव्यांग, सीनियर सिटीजन, ट्रांसजेंडर के लिए बसों में जगह निर्धारित है। स्टीकर फटने के बाद पेंट से भी लिखवाए थे। एक बार चेक करवा लेता हूं। नियम का पालन होगा।

पुरूष बैठे महिला खड़ी

UP57T6913 राप्तीनगर डिपो की बस में महिला सीट पर दो पुरुष बैठे हुए थे। बगल में एक लड़की खड़ी हुई थी उसको देख कर भी उन यात्रियों ने सीट खाली नहीं की। यहां तक कि लड़की के बोलने के बावजूद वो लोग सीट वर बैठे रहे।

इलेक्ट्रिक बसों में महिला सीट पर महिला

इसी कड़ी में शहर में दौड़ रही इलेक्ट्रिक बसों का भी रियलिटी चेक किया गया। जिसमें UP53GT6331 नंबर की बस में महिला सीट पर पुरूष बैठे हुए थे, मगर जैसे ही बस में एक महिला चढ़ी तभी उस बस के कंडक्टर ने सीट खाली करवा के उस महिला को बैठा दिया।

बसों में महिला, दिव्यांग, सीनियर सिटीजन, पत्रकार आदि के लिए 15 सीट रिजर्व है। कंडक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वह इन रिजर्व सीट पर पैसेंजर्स को बैठाए जिसका अधिकारी है। यदि ऐसा नहीं होता है तो गलत है। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा और साथ ही अनाउंस भी कराया जाएगा। ताकि पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा मिल सके।

- एके मिश्रा, एआरएम गोरखपुर डिपो