-मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह को किया संबोधित

-1191 को दिया गया मेडल, 16 स्टूडेंट्स वीसी गोल्ड मेडल से किया गय सम्मानित

GORAKHPUR: 'शिक्षा हमें आदर्श नागरिक बनाती है। यह डिग्री सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं है। इससे आपका और देश का फ्यूचर जुड़ा है.' यह बातें यूपी की गवर्नर और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहीं। वह मंगलवार को मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी गोरखपुर के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान चीफ गेस्ट मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जल पुरुष राजेन्द्र सिंह रहे। वहीं स्पेशल गेस्ट राज्य मंत्री वित्त, प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश संदीप कुमार सिंह थे।

सोसायटी के लिए हो नॉलेज का यूज

-आज आपने प्रौद्योगिकी में जो कुछ सीखा है, उसका इस्तेमाल आप समाज के लिए करिए।

-यह भूमि भगवान बुद्ध की भूमि है, महायोगी गुरु गोरखनाथ की भूमि है, संत कबीर की भूमि है। ऐसी तपोभूमि पर आकर मैं धन्य हूं।

-दीक्षांत समारोह में आज कई विद्यार्थियों को डिग्री व को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है। इसके लिए मैं छात्र-छात्राओं को बहुत-बहुत बधाई देती हूं।

-अपेक्षा करती हूं कि वे अपने जीवन में आगे बढ़ते रहें और साथ-साथ देश को भी आगे बढ़ाते रहें।

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खत्म करनी होंगी समाज की बुराइयां

समाज में व्याप्त कुरीतियों पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम कभी जेल नहीं गए, लेकिन जेल देखने जरूर गए हैं। लखनऊ में मैं एक जेल देखने गई। वहां 250 महिलाएं विभिन्न कारणों से सजा काट रहीं थीं। मैंने वजह पूछी तो बहू को जान से मारने, जला देना बताया। मैंने पूछा कि ऐसा क्यो किया? इस पर उन्होंने बताया कि वह दहेज नहीं लाई थीं। मैंने कहा कि क्या दहेज में पांच लाख रुपए व गाड़ी मिल जाती, तो क्या जिंदगी कट जाती? आज उनका परिवार बिखर गया है।

जल पुरुष ने किया सावधान

इस मौके पर चीफ गेस्ट जल पुरुष डॉ। राजेंद्र सिंह रहे। उन्होंने कहा कि तकनीक व इंजीनियरिंग समस्याओं के समाधान के कुछ अस्थायी रास्ते बताते हैं। यदि इन समस्याओं के समाधानों को स्थायी बनाना है, तो विज्ञान व अध्यात्म को जोड़ना होगा। इसके बिना तकनीक स्थायी विकास में एक क्षणिक योगदान मात्र है। विवि में पर्यावरण की रक्षा के लिए व भारतीय आस्था का सम्मान करने वाले ऐसा कोई पाठ्यक्रम शुरू होता है तो पंडित मदन मोहन मालवीय की आत्मा जरूर आनंदित होगी। उन्होंने कहा कि मुझे प्रौद्योगिकी नहीं आती थी। मैं आयुर्वेद का विद्यार्थी था। मैंने अपने किसान महंगू पटेल से सीखकर पानी का काम किया। पिछले 38 साल से मैंने मानवीय चिकित्सा को छोड़कर धरती की चिकित्सा का कार्य शुरू किया। इसके बाद 12 सूखी और मरी नदियों को 21वीं शताब्दी में पुनर्जीवित कर सका।

प्रौद्योगिकी शिक्षा राज्यमंत्री ने दिए टिप्स

इस मौके पर प्रौद्योगिकी शिक्षा राज्यमंत्री संदीप कुमार सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान व रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि दुनिया में अपना अमूल्य योगदान देना है। टेक्नोलॉजी को और डेवलप करने में अपनी ऊर्जा लगाएं। जो टेक्नोलॉजी को एडवांस बनाएगा वही दुनिया पर राज करेगा।

दीक्षांत परिधान में मंच पर पहुंची राज्यपाल

तय समय पर एमएमएमयूटी पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सबसे पहले परिधान कक्ष में गई। यहां से दीक्षांत परिधान में शोभायात्रा में शामिल हुई। फिर कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, डीन, विभागाध्यक्ष व आचार्य, विद्यापरिषद के सदस्य, प्रबंधन बोर्ड के सदस्य गण, वीसी प्रो। जेपी पांडेय, चीफ गेस्ट मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, स्पेशल गेस्ट राज्य मंत्री वित्त, प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश संदीप कुमार सिंह के साथ बहुउद्देशीय सभागार में बने मंच पर पहुंची। कुलाधिपति के समारोह स्थल आगमन पर वीसी प्रो। जेपी पांडेय, नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी व विवि के कुलसचिव प्रो। जीउत सिंह ने उनकी अगवानी की।