गोरखपुर (ब्यूरो)।34 एक्टिव कोरोना केसेज के बीच हुई मॉकड्रिल दिखावटी रही। कई हॉस्पिटल में जिम्मेदार चिकित्सक पीपीई किट में नहीं थे। मास्क भी डाउन मिला। इस बार डमी पेशेंट जैसी औपचारिकता भी नहीं देखने को मिली। चिह्नित अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के पास फोटो खिंचाकर हेल्थ अफसर लौट गए। इससे सरकार के निर्देश पर मंगलवार को हुई माकड्रिल में खानापूर्ति नजर आई।

बीआरडी में अधूरी तैयारी

हैरान करने वाली बात यह रही कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज व टीबी अस्पताल में तैयारी थी ही नहीं। न एंबुलेंस पहुंची और न ही पेशेंट। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व स्टाफ नर्स भी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट में नहीं नजर आए। हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार पहुंचे तो अवाक रह गए। उन्होंने बेड, ऑक्सीजन प्लांट व वेंटीलेटर के फंक्शन को देखा। 500 बेड के इस हॉस्पिटल में 50 बेड तैयार मिले। प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार खुद निगरानी में लगे रहे। वहीं, 111 वेंटीलेटर व अन्य संसाधन स्टोर में रखे हुए दिखाई दिए। नोडल अधिकारी डॉ। अजहर अली ने सीएमओ को बताया कि आधा घंटे के अंदर हम तीन सौ बेड और एक दिन के अंदर सभी पांच सौ बेड फंक्शनल में ले लेंगे। सीएमओ के साथ लखनऊ से आए माकड्रिल के नोडल अधिकारी डॉ। अमित सिंह व एसीएमओ डॉ। एके चौधरी व डॉ। अंगद सिंह ने पूरे हास्पिटल का निरीक्षण किया। तीन ऑक्सीजन प्लांट अभी शुरू नहीं किए हैं।

देर से शुरू हुई मॉकड्रिल

नोडल अधिकारी ने बताया, उन्होंने पेशेंट्स, डॉक्टर व स्टाफ के हास्पिटल में आने के अलग-अलग मार्गों का भी निरीक्षण किया। इसके पहले यह टीम टीबी अस्पताल पहुंची थी। वहां भी न तो कोई भी पेशेंट्स मिला और न ही एम्बुलेंस। अधिकारी ऑक्सीजन प्लांट, कोविड वार्ड व वेंटीलेटर की क्रियाशीलता देखकर लौट गए। कोविड की रोकथाम के लिए विभाग की सक्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कहीं भी मॉकड्रिल समय से शुरू नहीं हो सकी। कहीं एक घंटे, कहीं दो घंटे और कहीं चार घंटे विलंब से शुरू हुई।

चौरीचौरा में बंद मिला ऑक्सीजन प्लांट, बालिका को मिला इलाज

सीएचसी चौरीचौरा में ग्राम फुलवरिया की 7 वर्षीय बालिका को लेकर एम्बुलेंस पहुंची। तत्काल कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर एम्बुलेंस के पास गए। उसे स्ट्रेचर पर शिफ्ट किया। ऑक्सीजन स्तर काफी कम होने से तत्काल से वार्ड में भर्ती कर ऑक्सीजन दिया गया। एसीएमओ डॉ। नंद कुमार के निर्देशन में मॉकड्रिल हुई, पर ऑक्सीजन प्लांट बंद था। नौ महीने से खराब चल रहे सेंसर को देखकर उन्होंने कहा, सेंसर सही करने के लिए साइरस कम्पनी को ऑनलाइन रिपोर्ट कर दी गई है। दो तीन दिन में सेंसर सही हो जाएगा।

कैंपियरगंज: एम्बुलेंस की आवाज सुनते ही गेट पर पहुंचे कर्मी

सीएचसी कैंपियरगंज में एम्बुलेंस की आवाज सुनते ही पीपीई किट में मौजूद डॉक्टर व कर्मी तत्काल गेट पर पहुंचे। चौमुखा निवासी रोहित कुमार सिंह संक्रमित के रूप में एम्बुलेंस से पहुंचे थे। कर्मचारी उन्हें सीधे कोविड वार्ड में ले गए और तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया। ऑक्सीजन स्तर की जांच की गई। इस अवसर पर डिप्टी सीएमओ डॉ। अनिल सिंह ने अधीक्षक डॉ। भगवान दास के साथ ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण भी किया।

होम्योपैथिक कॉलेज बड़हलगंज में ऑक्सीजन प्लांट और जेनरेटर खराब

शहीद राजा हरिप्रसाद मल्ल राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, बड़हलगंज में कोविड से निपटने की पूरी तैयारी नहीं मिली। मॉकड्रिल भी दो घंटे विलंब से शुरू हुआ। ऑक्सीजन प्लांट और जेनरेटर खराब मिला। कोविड वार्ड में धूल जमी थी। उसे साफ कराकर किसी तरह मॉकड्रिल की गई। मऊ के कोहियापार के आठ वर्षीय अर्पित एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचे। उन्हें बुखार और खांसी थी। कोविड जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद उन्हें वार्ड में एडमिट कर इलाज किया गया। खिड़कियों, एक्सरे मशीन व अन्य सामान पर धूल जमी मिली। इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ। अनिल कुमार मिश्र, डॉ। विनोद उपाध्याय, डॉ। केके सिंह आदि मौजूद रहे।

हरनही: फूल रही थी सांस, मिला फौरन इलाज

सीएचसी हरनही पर एम्बुलेंस से पहुंचे कोरोना के लक्षण वाले पेशेंट्स की तत्काल एंटीजन किट से जांच की गई। उसकी सांस फूल रही थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हेें वार्ड में एडमिट कर इलाज शुरू किया गया। बीपी व ऑक्सीजन स्तर की जांच की गई। यहां डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ पीपीई किट में थे। बिजली न होने से जेनरेटर चालू कर मॉकड्रिल की गई।

मॉकड्रिल में कई जगहों पर खामियां पाई गई हैैं। जहां पर तैयारियों में कमियां रह गई हैैं। वहां उन्हें दुरुस्त करा लिया जाएगा।

डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर