गोरखपुर (ब्यूरो)। पूजा ने सीएम और मेयर सीताराम जायसवाल का आभार व्यक्त किया। बताते चलें कि पूजा हॉकी की नेशनल खिलाड़ी के साथ ही तैराकी में भी वे अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। नगर निगम में इलेक्ट्रिक बस के ड्राइवर के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से ही हर कोई पूजा के हौसले का सलाम कर रहा है।

भाई बहनों में सबसे छोटी पूजा

इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित दिव्यनगर कॉलोनी में रहने वाली पूजा प्रजापति पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। शुरू से मेधावी पूजा ने जब ट्रक की स्टेयरिंग थामी तो परिवार का सर्पोट मिला लेकिन पड़ोसी चिढ़ाते थे। कहते थे कि अच्छे परिवार की होकर ट्रक चलाओगी। पूजा बताती हैं कि हमेशा यह इच्छा रही कि वह काम करुं जो लड़कियों के लिए वर्जित माना जाता है। इसी जिद ने वर्ष 2015 में हैवी वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किया। नोएडा में टाटा की ओर से आयोजित हैवी वाहनों के रेस में प्रतिभाग किया। इलेक्ट्रिक बस जॉब के लिए चला रही और अन्य लड़कियों को इस माध्यम से संदेश दे रही हूं कि कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। पांच साल पहले पूजा ने स्वीमिंग सीखना शुरू किया।

सैयद मोदी स्टेडियम में करती हैं प्रैक्टिस

पूजा अब सैयद मोदी स्टेडियम में पुराने खिलाडिय़ों से मोर्चा लेती हैं। स्वीमिंग कोच संतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि पूजा में सीखने और कुछ कर गुजरने का गजब का जज्बा है। लीक से हटकर काम करने की जिद ही पूजा को निरंतर सफलता के शिखर पर पहुंचा रहा है। पूजा के पिता बेचन प्रसाद बड़े ट्रांसपोर्टर हैं। सहजनवां में उनका पेट्रोल पंप है। एनसीआर में विदेशी गाडिय़ों का वर्कशॉप हैं। दो भाई और दो बहनों की शादी हो चुकी है।

नेशनल खिलाड़ी पूजा

बहुमुखी प्रतिभा की धनी पूजा हॉकी की नेशनल खिलाड़ी हैं। वह महाराष्ट्र और गुजरात में हुई प्रतियोगिताओं में यूपी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। एनएसएस की तरफ से वह गणतंत्र दिवस के परेड में भी शिरकत कर चुकी है। एनसीसी में सी सर्टिफिकेट हासिल करने वाली पूजा कहती हैं कि 'सीएम से मुलाकात हुई तो लड़कियों के लिए ड्राइविंग एकेडमी खोलने का अनुरोध करुंगी। इससे महिलाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। पूजा को पढ़ा चुकी चंद्रकांति रमावती देवी आर्य महिला पीजी कॉलेज एमएड में एचओडी डॉ। रेखा श्रीवास्तव बताती हैं कि 'सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लेकर हर खेल में पूजा माहिर है। वह उन लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत है जो समाज में कुछ अलग पहचान बनाना चाहती है।

मां और दो बहने भी चलाती हैं फोर व्हीलर गाड़ी

पूजा की मां सोनमती देवी के साथ दो अन्य बहनें भी चार पहिया गाड़ी चलाती हैं। परिवार में गाड़ी होने के चलते किसी को ड्राइविंग सीखने में दिक्कत भी नहीं हुई। पूजा बताती हैं कि 'मां ने हमेशा बताया कि कोई काम असंभव नहीं है, जो लीक से हटकर काम करता है, वही जिंदगी मे सफल होता है। पूजा बताती है कि '2016 में नोएडा में ट्रकों की रेस में भाग लेने गई तो लोग हंस रहे थे। पिता ने सर्पोट किया और हर कदम पर मोटीवेट किया।