गोरखपुर (ब्यूरो)। उधर रेल ट्रैक भी बिछ कर तैयार हो चुका है। यूरिया की खेप को भेजने की योजना बनाई जा रही है। बने रेल ट्रैक पर माल गाड़ी दौड़ लगाएंगी। खाद कारखाना परिसर स्थित गोदाम तक रेलवे ने ट्रैक बिछा दिया है। रेलवे के अफसरों ने मालगाड़ी ट्रैक का ट्रायल भी कर लिया है। उम्मीद है कि इसी हफ्ते माल गाड़ी से खाद भेजी जाएगी। अभी ट्रकों के माध्यम से आसपास के डीलर्स को एचयूआएल के खाद कारखाना में बनी नीम कोटेड यूरिया भेजी जा रही है। कंपनी का ज्यादा जोर पूर्वांचल में यूरिया की उपलब्धता को बढ़ाना है।

मार्च 21 में किया था इनॉगरेशन

सात मार्च 21 को पीएम नरेंद्र मोदी ने खाद कारखाने का शुभारंभ किया था। अनुरक्षण कार्य और अमोनिया गैस का पर्याप्त भंडारण होने के बाद खाद कारखाने में उत्पादन शुरू हो गया है। हालांकि मशीन में खराबी होने की वजह से उत्पादन कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। बताया गया था कि 26 जनवरी तक उत्पादन शुरू हो जाएगा, लेकिन मशीन में लगातार खराबी आने और इसे ठीक करने के लिए पुणे या अन्य स्थानों पर भेजे जाने के कारण कारखाने में उत्पादन शुरू होने में देर होती गई।

प्रचार-प्रसार का काम तेज

खाद कारखाने के यूरिया की बिक्री के लिए प्रचार-प्रसार का काम भी तेज हो गया है। कंपनी के मार्केटिंग विभाग के अफसर अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर किसानों के साथ मीटिंग कर रहे हैं और उन्हें गोरखपुर में बनने वाली यूरिया की गुणवत्ता की जानकारी दें रहे हैं। साथ ही डीलर्स के यहां यूरिया पहुंचाई जा रही है। बता रहे हैं कि किस तरह यूरिया के बड़े दाने ज्यादा दिनों तक जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में कारगर होंगे।

डीलर्स के पास 50 ट्रक यूरिया भेजी जा रही

खाद कारखाने की आवाज आसपास के लोगों के कानों तक पहुंच रही हैं। इससे लोगों को पता चल रहा है कि खाद कारखाना शुरू हो गया है। अभी 50 ट्रक यूरिया डीलर्स के पास भेजी जा रही है। अफसरों का कहना है कि चार से पांच दिन में रेलवे की रैक से यूरिया भेजने का काम शुरू कर दिया जाएगा।