गोरखपुर (ब्यूरो)। - 27 सितंबर को गोरखपुर के रेलवे स्टेशन स्थित होटल में एक कानपुर की व्यापारी की बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी गई। कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के सभी आरोपी पुलिस कर्मी थे। देश भर में मनीष हत्या कांड से गोरखपुर पुलिस की खूब आलोचना हुई।

- खोराबार में दुकानदार द्वारा पुलिस कर्मियों से कोल्ड ड्रिंक के पैसे मांगना भारी पड़ गया। दूसरे दिन चार पुलिस कर्मी दुकानदार के पास आए और तलाशी के नाम उसे मारकर लहूलुहान कर दिया। मामला तूल पकड़ा तब तत्कालीन कप्तान ने पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर खाकी की साख बचाई

- पिपराइच में पुलिस कर्मियों ने मारपीट के मामले में पीडि़तों से 23 हजार रुपए मांगे। पुलिस कर्मियों ने पैसा ना देने पर जिंदगी बर्बाद कर देने की धमकी भी दी गई। मामला तत्कालिन कप्तान के पास पहुंचा तो दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर खाकी की साख बचाई।

- एसएसपी ऑफिस में दो सौ से अधिक पहुंच गए फरियादी देख कप्तान भी घनचक्कर हो गए। नाराज एसएसपी ने सभी फरियादियों की शिकायत वाले थानों के पुलिस कर्मियों को बुलाकर शिकायकर्ता के सामने उनकी पेशी की। पहली बार ऐसा हुआ था, कप्तान ने इस दौरान गलती मिलने पर कई थानों के पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर सस्पेंड भी किया, जिससे वे थाने पर फरियादियों के साथ सही से पेश आएं उन्हें न्याय दें।

- इसके बाद फिर सीएम के जनता दरबार में भारी भीड़ फरियाद लेकर पहुंची, इसमे कई फरियादी दोबारा और तीसरी बार पहुंंचे थे। सीएम ये देखकर गोरखपुर की पुलिसिंग से बहुत असंतुष्ट हुए। सीएम की नाराजगी को देखते हुए एडीजी ने कमान संभाली है, उन्होंने सभी असंतुष्ट फरियादियों के साथ ही पुलिस कर्मियों की पेशी की है, जिससे ये पता चले कहां फाल्ट है।

इनसे निपटना होगा कप्तान साहब

ये तो कुछ मामले हैं, जिनसे गोरखपुर की पुलिस पर पब्लिक ने ही नहीं बल्कि, सीएम योगी आदित्यनाथ में भी सवाल उठाया है। इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन नए कप्तान डॉ। गौरव ग्रोवर को खोजना ही होगा।

जनता दरबार में बार-बार एक ही फरियादी पहुंचने से सीएम असंतुष्ट हुए हैं। 7 जुलाई को गूगल मीट पर असंतुष्ट फरियादियों के साथ ही सीओ और एसएचओ को जोड़ा जाएगा। इससे ये पता चलेगा कि कहां कमी रह जा रही है, जिससे फरियादी असंतुष्ट रह रहे हैं।

- अखिल कुमार, एडीजी