- नगर निगम के डीपीआर पर बनेगा सीवरेज

- एसटीपी के लिए भी नगर निगम ने चिन्हित की जगह

GORAKHPUR : गोरखपुर के खुले नाले नदियों को प्रदूषित करने के साथ ही साथ घनी आबादी के बीच सीधे मानव जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। इसको लेकर एक साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक अपील दायर हुई। जिसकी एक सप्ताह पहले हुई सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि अब गोरखपुर के कमिश्नर की देखरेख में शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की जाएगी। नगर निगम ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। एसटीपी लगाने के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है।

डीपीआर तैयार, सर्वे पूरा

शहर से निकलने वाला गंदा पानी 13 जगह पर सीधे राप्ती नदी में गिरता है। गंदा पानी नदी को प्रदूषित करता है जिसके कारण इन एरियाज में मछलियां तक नहीं आती है। नगर आयुक्त राजेश कुमार त्यागी का कहना है कि रामगढ़ताल में गिरने वाले नाले के पानी को साफ करने के लिए रामगढ़ताल परियोजना के तहत एसटीपी बन गया, लेकिन राप्ती में अभी भी खुले आमगंदा पानी गिराया जा रहा है। 9 जगह एसटीपी बनाने का डीपीआर तैयार कर लिया गया है। सीवरेज लाइन का सर्वे कार्य भी पूरा कर लिया गया है। जल्द ही डीपीआर तैयार कर लिया जाएगा।

एनजीटी ने कमिश्नर को आदेश दिया है कि गोरखपुर नगर निगम में जो भी सीवरेज बने, वह कमिश्नर की देख-रेख में बने। जल्द ही नगर निगम तैयार प्रस्ताव को कमिश्नर को सौंपेगा।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त